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afghanistan The ancient ghor's minaret of jam on the verge of collapse, delhi's Qutub minar inspired by this minar
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अफगानिस्तान: जाम की घोर की प्राचीन मीनार ढहने के कगार पर, इसी से प्रेरित है दिल्ली की कुतुबमीनार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: प्रतिभा ज्योति
Updated Sat, 20 Nov 2021 07:28 PM IST
सार
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करीब 65 मीटर ऊंची जाम की मीनार को खतरे में पड़ी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में 2002 में शामिल किया गया था। इसके गिरने का खतरा लंबे समय से बना हुआ है।
अफगानिस्तान में जाम की मीनार
- फोटो : Twitter : @TOLOnews
अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत में स्थित जाम की घोर की प्राचीर मीनार ढहने के कगार पर है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोट्स के मुताबिक प्रांतीय अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि ऐतिहासिक जाम की मीनार के गिरने का बड़ा खतरा बना हुआ है। घोर के सूचना और संस्कृति विभाग के प्रमुख अब्दुल हइ ने मीडिया को कहा ‘अगर मीनार की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम जल्द ही मीनार को ढहते हुए देखेंगे और यह बहुत बड़ी शर्म की बात है। यूनेस्को के अधिकारियों को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए’।
जाम की मीनार को 2002 में खतरे में पड़ी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था। यह हरिरूद नदी और सरबा फलक के बाहरी इलाके के बीच स्थित है। बताया जा रहा है कि पिछले 20 सालों के दौरान, मीनार की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और इस सर्दियों में मीनार के गिरने का खतरा है। मीनार के बाहरी हिस्से की मूल वास्तुकला तो लगभग पिछले साल ही ध्वस्त हो गई थी।
किसने बनवाया था
जाम की मीनार लगभग 800 साल पहले राजा गयासुद्दीन गोरी के काल में बनाई गई थी। यह पूरी तरह से पकी हुई ईंटों से बना है और इसकी जटिल कलाकृतियां बेहद ही खूसबूरत हैं। मीनार की दीवारों को ज्यामितीय पैटर्न और कुरान के छंदों से सजाया गया है। यह भव्य ऊंची संरचना मध्य एशिया में इस्लामी काल की वास्तुकला और अलंकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
यूनेस्को का कहना है कि जाम की मीनार की नवीन वास्तुकला और सजावट ने भारतीय उप-महाद्वीप में वास्तुकला के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूनेस्को के अनुसार कुतुब मीनार जाम की मीनार से प्रेरित थी। यह मीनार अफगानिस्तान की पहली सांस्कृतिक विरासत स्थल है जिसे इस्लामिक विश्व शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने इस्लामी दुनिया के सांस्कृतिक विरासत स्थलों में शामिल किया था।
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