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dev anand profile & biography

देव आनंद

  • Full name
    Dev Anand
  • Born
    1923-09-26
  • Gender
    Male
  • Occupation
    Actor, Director, Writer, Producer
  • Nationality
    Indian
  • Spouse
    Kalpana Kartik
  • Spouse(Dob)
    1931-09-19
  • Spouse(Sex)
    Female
  • Died on
    3 december 2011
देव आनंद का पूरा नाम धरम देवत्त पिसोरीमल आनंद है। इनका जन्म 26 सितंबर 1923 में ब्रिटिश इंडिया के पंजाब के गुरदासपुर जिले की शकरगढ़ तहसील में हुआ था। इनका निधन 3 दिसंबर 2011 को हुआ था। देव आनंद के पिता पिसोरी लाल आनंद गुरदासपुर के जाने माने वकील थे। पांच भाई-बहनों में ये अपने पिता की तीसरी संतान थे। इन्हें मिलाकर चार भाई और एक सबसे छोटी बहन थी। 

भाई चेतन आनंद के साथ मिलकर देव आनंद ने नवकेतन फिल्म्स की नींव 1949 में रखी। उनकी सदाबहार पर्सनोलिटी की वजह से उन्हें बॉलीवुड ने नाम दिया 'एवरग्रीन देव।' 1955-1965 तक दक्षिण के एम जी रामचंद्रन और बॉलीवुड के देव आनंद सबसे ज्यादा फीस लेने वाले अभिनेता थे। 

लव लाइफ 

देव आनंद और सुरैया के प्रेम के चर्चे खूब हुए। 1948-1951 तक दोनों बेहद करीब थे। लेकिन सुरैया की नानी को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। सुरैया ने पूरी जिंदगी शादी नहीं की। 31 जनवरी 2004 में सुरैया की मौत हो गई। देव आनंद ने अपने रिश्ते को सुरैया के साथ खुलकर स्वीकारा था। मगर इनकी शादी नहीं हो पाई।

देव आनंद ने सुरैया को डूबने से भी बचाया था। दरअसल हुआ ये था कि विद्या फिल्म के एक गाने की शूटिंग के दौरान सुरैया नाव में थीं। तभी नाव पलट गई। देव आनंद सुरैया के साथ थे उन्होंने उन्हें डूबने से बचाया। उसके बाद दोनों के बीच प्यार का रिश्ता बन गया। ये दोनों शादी भी करने वाले थे। लेकिन जब ये बात सुरैया की नानी को पता चली तो उन्होंने सुरैया के सेट पर आना जाना शुरू कर दिया। उनके ही एतराज की वजह से ये शादी नहीं हो पाई। विरोध की वजह थी सुरैया का मुस्लिम और देवआनंद का हिंदू होना।  

शादी 
1954 में कल्पना कार्तिक से देव आनंद ने शादी कर ली। कल्पना कार्तिक का घर का नाम मोना सिंह था। कल्पना खुद भी एक्ट्रेस थीं। दोनों ने फिल्म टैक्सी ड्राइवर की शूटिंग के वक्त बेहद निजी तरीके से शादी की थी। कल्पना क्रिश्चियन थीं। इनके दो बच्चे हुए। सुनील आनंद और देवीना आनंद। 

शिक्षा और करियर 

लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से बी.ए.करने के बाद देव आनंद ने मुंबई की तरफ रुख किया। देव आनंद ने अपना करियर किसी फिल्म स्टूडियो या किसी फिल्म से नहीं किया था बल्कि चर्चगेट स्थित मिलेट्री सेंसर्श ऑफिस से किया था। पहली नौकरी में उनका वेतन 165 रुपए प्रति माह था। बाद में एकाउंट के तौर पर एक कंपनी ज्वाइन की, जहां इनका वेतन 85 रुपए था। इसके बाद अपने बड़े भाई चेतन आनंद की इंडियन पिपुल्स थिएटर एसोसिएशन ज्वाइन की। देव आनंद अशोक कुमार से बेहद प्रभावित थे। अशोक कुमार की अछूत कन्या और किस्मत फिल्म में उनकी एक्टिंग पर देव आनंद फिदा हो गए थे। और तय कर लिया था कि वो एक्टर बनेंगे। 

बॉलीवुड में एंट्री 
देवा आनंद को 1940 के आखिर में एक्टर सुरैया के साथ एक फिल्म में ब्रेक मिला। देव आनंद इस रोल को पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। ये महिला प्रधान फिल्म थी। इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ीं। दोनों ने साथ-साथ सात फिल्में कीं। ये सभी बॉक्स ऑफिस पर हिट हुईं। ये फिल्में थीं, विद्या (1948), जीत (1949), शहर (1949), अफसर (1950), नीली (1950), दो सितारे (1951) और सनम (1951)। अशोक कुमार ने 1948 में बांबे टाकीज के बैनर तले बनी फिल्म जिद्दी में देव आनंद को बतौर हीरो साइन किया। 

मशहूर फिल्में 
बाजी (1951), हेरा-फेरी (1971), ज्वैल थीफ (1967), हम दोनों (1961),  काला पानी (1958), तेरे घर के सामने (1963), टैक्सी ड्राइवर (1954), पेइंग गेस्ट(1957), सीआइडी  (1956),  फंटूस (1956), गाइड (1965), जॉनी मेरा नाम (1970),  प्रेम पुजारी (1970), तेरे मेरे सपने (1971), हीरा पन्ना (1973), छुपे रुस्तम (1973) तीन देवियां (1965), आनंद और आनंद (1984),
 
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