राजस्थान का वह शहर जहां है ब्रह्मा मंदिर यह तीर्थस्थलों का राजा कहलाता है। 10 मीटर गहरी यह झील 500 से अधिक मंदिरों और 52 घाटों से घिरी हुई है विश्व का एक मात्र ब्रह्मा मंदिर पुष्कर में ही है। इसी मंदिर में जूते पहने हुए भगवान सूर्य की मूर्ति भी है इसे 19वीं सदी में पहले और 10वें गुरु श्री गुरु नानक देव जी और श्री गुरु गोविन्द सिंह जी की यात्रा की स्मृति में बनाया गया था 12वीं शताब्दी के शासक राजा अन्नाजी चौहान ने यह मंदिर भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह को समर्पित कर बनवाया था यह ब्रह्मा जी की पहली पत्नी का मंदिर है। यह एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है यह भगवान विष्णु के अवतार रंग जी का मंदिर है यह मंदिर देवी एकादशी को समर्पित है। यह राजस्थान के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। हजारों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में भूमिगत तहखाना है। शिवरात्रि पर यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में भूमिगत तहखाना है। शिवरात्रि पर यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं