ये जो तुम्हारी आवाज़ है
इसमें शहद घोलती हो क्या तुम
जब तुम हँसती हो ना
तो एक सवाल उठता है
कि परिंदों को चहकने का
क्लास देती हो क्या तुम
मेरी बचकानी इश्क़ की बातों पे
जब तुम 'हाव' कहती हो
तो उसके बाद मेरी ही तरह
आह भरती हो क्या तुम
तुमसे बात कोई करता हूँ
तो 'हम्म-हम्म' कहती हो
जी करता है बीच में कह दूँ
मुझसे प्यार करती हो क्या तुम
अच्छा एक आख़िरी सवाल
मेरा नहीं......मेरे दिल का है
क्या मेरी ही तरह किसी और से भी
ऐसे बात करती हो क्या तुम
- हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।
1 week ago
कमेंट
कमेंट X