देश का खेल हो मिट्टी का खेल हो दुश्मन के खेमें में घुस कर उसे छूकर अपने घर वापस आने का खेल हो तो वह सिर्फ एक नाम जहन में आता है और वो है कबड्डी का खेल। हर गांव गर कस्बे में प्रचलित कबड्डी के खेल में समयानुसार कई परिवर्तन होते रहे ये खेल समय काल परिस्थिति के अनुसार बदलता रहा महाभारत काल से इस खे का अस्तित्व रहा है और आज भी प्रचलित है। पहले धूल से भरी मिट्टी वाले मैदान में इस खेल को खेला जाता था, मगर आज कबड्डी का खेल पूरी तरह से बदल चुका वो शानदार लाइटें बड़ा मैट और बहुत कुछ ….आज कबड्डी का रंग पूरी तरह से बदल चुका है इसके बावजूद इसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं है। और अब तो कबड्डी को कमर्शलाइज कर आइपीएल की तर्ज पर प्रो कबड्डी लीग शुरु किया गया है। हमारे लिए खेल कबड्डी से जुड़े इतिहास व उनके अनोखे सफर के बारे में जानना दिलचस्प होगा. तो आइये जानते हैं कबड्डी के खेल को थोड़ा करीब से…
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