नौगांव(उत्तरकाशी)। अतिवृष्टि का असर अब रवांई घाटी की नकदी फसलों पर भी पड़ने लगा है। यहां सत्तर फीसदी से अधिक फसल मलानी रोग की चपेट में है। ऐसे मे किसानों के समक्ष बैंक और सहकारी समितियाें से खाद, बीज व दवा के लिए उठाया गया ऋण चुकाने की समस्या खड़ी हो गई है।
रवांई घाटी के काश्तकारों की आजीविका टमाटर, आलू, शिमला मिर्च, फ्रेंचबीन, प्याज आदि नकदी फसलों पर टिकी है। इसके लिए किसान काफी हद तक बैंक और सहकारी समितियों के ऋण पर निर्भर रहते हैं। इस बार आपदा से क्षेत्र में नकदी फसल उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। क्षेत्र भ्रमण पर पहुंचे कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ के विशेषज्ञों ने यहां अतिवृष्टि से फसलों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव का अध्ययन किया। उन्होंने स्वीकारा कि ज्यादा बारिश से टमाटर की सत्तर फीसदी फसल बर्बाद हुई है।
रवांई घाटी फल एवं सब्जी उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चंद ने बताया कि अतिवृष्टि से नकदी फसलें बर्बाद हो रही हैं। ऐसे में किसान बैंक व सहकारी समिति का ऋण चुकाने की हालत में नहीं हैं। उन्होंने आपदा की इस घड़ी में सरकार से किसानों के ऋण माफ करने की मांग की है।
कृषि विशेषज्ञों ने दी सलाह
नौगांव।
उद्यान विशेषज्ञ डा.पंकज नौटियाल, कीट विषेशज्ञ डा.जयप्रकाश गुप्ता व कृषि प्रसार अधिकारी डा.गौरव पपने ने बताया कि ज्यादा बारिश और खेतों में पानी रुकने से जीवाणू जनित रोग पनप रहे हैं। ज्यादा बारिश से पछेती झुलसा रोग की समस्या भी आ रही है। उन्होंने किसानों को खेतों से पानी की निकासी के इंतजाम तथा कॉपर आक्सी क्लोराइट के छिड़काव की सलाह दी।
नौगांव(उत्तरकाशी)। अतिवृष्टि का असर अब रवांई घाटी की नकदी फसलों पर भी पड़ने लगा है। यहां सत्तर फीसदी से अधिक फसल मलानी रोग की चपेट में है। ऐसे मे किसानों के समक्ष बैंक और सहकारी समितियाें से खाद, बीज व दवा के लिए उठाया गया ऋण चुकाने की समस्या खड़ी हो गई है।
रवांई घाटी के काश्तकारों की आजीविका टमाटर, आलू, शिमला मिर्च, फ्रेंचबीन, प्याज आदि नकदी फसलों पर टिकी है। इसके लिए किसान काफी हद तक बैंक और सहकारी समितियों के ऋण पर निर्भर रहते हैं। इस बार आपदा से क्षेत्र में नकदी फसल उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। क्षेत्र भ्रमण पर पहुंचे कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ के विशेषज्ञों ने यहां अतिवृष्टि से फसलों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव का अध्ययन किया। उन्होंने स्वीकारा कि ज्यादा बारिश से टमाटर की सत्तर फीसदी फसल बर्बाद हुई है।
रवांई घाटी फल एवं सब्जी उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चंद ने बताया कि अतिवृष्टि से नकदी फसलें बर्बाद हो रही हैं। ऐसे में किसान बैंक व सहकारी समिति का ऋण चुकाने की हालत में नहीं हैं। उन्होंने आपदा की इस घड़ी में सरकार से किसानों के ऋण माफ करने की मांग की है।
कृषि विशेषज्ञों ने दी सलाह
नौगांव।
उद्यान विशेषज्ञ डा.पंकज नौटियाल, कीट विषेशज्ञ डा.जयप्रकाश गुप्ता व कृषि प्रसार अधिकारी डा.गौरव पपने ने बताया कि ज्यादा बारिश और खेतों में पानी रुकने से जीवाणू जनित रोग पनप रहे हैं। ज्यादा बारिश से पछेती झुलसा रोग की समस्या भी आ रही है। उन्होंने किसानों को खेतों से पानी की निकासी के इंतजाम तथा कॉपर आक्सी क्लोराइट के छिड़काव की सलाह दी।