उत्तरकाशी। बलात्कार के मामले में दोषी अभियुक्त को जिला न्यायाधीश ने सात साल का सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियुक्त को मुजफ्फरनगर जेल से पुलिस अभिरक्षा में उत्तरकाशी लाया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद उसे नई टिहरी जेल भेज दिया गया।
जुलाई 2016 में मनेरी थाने में क्षेत्र के एक ग्रामीण ने अपनी बेटी को क्षेत्र में काम करने वाले किसी मजदूर द्वारा बहला-फुसला कर भगा ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तब काम करने के दौरान मजदूर ने अपना नाम संजय राणा बताया था। पुलिस ने युवती के फोन नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो उसकी लोकेशन मुजफ्फरनगर में मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती को आरोपी के भाई के घर से बरामद किया। आरोपी किसी अन्य अपराध में मुजफ्फरनगर जेल में बंद था। पड़ताल में पता चला कि संजय राणा का असली नाम खालिद निवासी मंडी तितावी मुजफ्फरनगर है।
मामले में पुलिस ने खालिद के खिलाफ युवती को बहला फुसलाकर भगा ले जाने, बलात्कार और एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता गंभीर सिंह चौहान ने न्यायालय के समक्ष साक्ष्य रखे। आरोप सिद्ध होने पर मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीपी गैरोला ने अभियुक्त खालिद को सात साल का सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं चुकाने पर दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। मुजफ्फरनगर जेल से पुलिस अभिरक्षा में उत्तरकाशी लाए गए खालिद को नई टिहरी जेल भेज दिया गया।