काशीपुर। राधेहरि स्नातकोत्तर महाविद्यालय की खेल प्रतिभाएं अपने कॉलेज का खेल मैदान छोड़कर स्टेडियम या अपने घर के आसपास प्रैक्टिस करने के लिए मजबूर हैं।
महाविद्यालय में लगभग ढाई एकड़ का खेल मैदान है। महाविद्यालय प्रशासन की अनदेखी के चलते खेल मैदान के हालात काफी खराब हो चुके हैं। कॉलेज सूत्रों के अनुसार एनएसएस व एनसीसी कैडेटों तक को खेल मैदान खराब होने से परेशानी होती है। खेल मैदान में पर्याप्त जगह है लेकिन मैदान में ऊंची-ऊंची घास उगने, ट्रैक ऊबड़-खाबड़ होने और जंगली जानवरों के आने से छात्र-छात्राएं खेल मैदान में प्रैक्टिस करने से घबराते हैं।
कॉलेज सूत्रों ने बताया कि छात्रों ने बीते सत्र के दौरान विधायक को ज्ञापन सौंपा था। तब विधायक ने खेल मैदान सुधारीकरण का आश्वासन दिया था। क्रीड़ाधिकारी डॉ. सुदर्शन ने बताया कि छात्रों ने विधायक से मांग भी की थी।
- महाविद्यालय प्रशासन खेल प्रतिभाओं को लेकर गंभीर नहीं है। फीस तो प्रत्येक वर्ष लेते हैं लेकिन खेल सुविधाएं नदारद हैं। खेल मैदान में वॉलीबाल कोर्ट नहीं होने पर प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम में जाता हूं।
मुकेश बिष्ट, बॉलीवाल खिलाड़ी, एमकॉम प्रथम सेमेस्टर।
- महाविद्यालय खेल मैदान में हॉकी ग्राउंड नहीं है। इसके चलते प्रैक्टिस करने स्टेडियम में जाती हूं। दो साल से महाविद्यालय की ओर से खेल रही हूं लेकिन खेल सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
मनजोत कौर, हॉकी खिलाड़ी
- मैं एथलेटिक्स खिलाड़ी हूं और ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी तक खेल चुकी हूं। राज्य स्तरीय क्रास कंट्री में कांस्य पदक जीत चुकी हूं लेकिन महाविद्यालय में ट्रैक की हालत खराब है। प्रेक्टिस के लिए स्टेडियम तो कभी घर के पास मैदान में प्रैक्टिस करती हूं।
शिवानी, एथलेटिक्स खिलाड़ी
- महाविद्यालय खेल मैदान में फुटबाल खेलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मजबूरी में स्टेडियम जाता हूं। दो साल से कॉलेज की ओर से खेल रहा हूं लेकिन खेल सुविधा नहीं मिलती है।
धीरेंद्र रावत, फुटबाल खिलाड़ी, बीए द्वितीय सेमेस्टर
महाविद्यालय खेल मैदान का प्रयोग नियमित नहीं होने से खराब हो गया है। महाविद्यालय प्रशासन ने खेल मैदान सुधारीकरण के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया है।
डॉ. सुभाष कुशवाहा, प्रभारी प्राचार्य, राधेहरि महाविद्यालय