अब फैक्टरियां अंधाधुंध प्लास्टिक का प्रयोग नहीं कर सकेंगी। पीसीबी ने पोर्टल बनाकर फैक्टरियों को प्लास्टिक का उपयोग करने और वापस लेने के आंकड़े फीड करना अनिवार्य कर दिया है। अब फैक्टरियां जितनी मात्रा में प्लास्टिक का प्रयोग करेंगी उतनी ही मात्रा में उन्हें प्लास्टिक को वापस भी लेना होगा। इस प्रक्रिया पर पीसीबी नजर रखेगी। अगर कोई गड़बड़ी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में पीसीबी, नगर निकाय और प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। इसी क्रम में पीसीबी ने एक पोर्टल बना दिया है। इस पोर्टल के जरिये पीसीबी बाजार में प्लास्टिक भेजने वाली फैक्टरियों की मॉनीटरिंग कर रही है। अब उत्पाद बनाने, पैक करने आदि में प्लास्टिक का उपयोग करने वाली फैक्टरियों को पीसीबी के पोर्टल पर इसकी डिटेल देनी होगी।
फैक्टरियों को प्लास्टिक का उपयोग करते समय पोर्टल पर मात्रा दर्ज करनी होगी। प्लास्टिक बिक्री करने वाली फैक्टरियां भी इसके दायरे में आएंगी ताकि गड़बड़ी की आशंका न रहे। ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड दोनों तरह की फैक्टरियां इसके दायरे में रखी गई हैं ताकि बाजार में जितना प्लास्टिक पहुंचे उसको री-साइकिल भी किया जा सके।
सिर्फ ब्रांडेड कंपनियां आती थीं कार्रवाई की जद में
अब तक कार्रवाई की जद में ज्यादातर ब्रांडेड कंपनियां आती थीं क्योंकि इनके रैपर आदि पर कंपनी का नाम दर्ज रहता था जबकि ऐसी कंपनियां जो रैपर पर अपना नाम दर्ज नहीं करतीं थीं वे आसानी से बच जाती थीं। नॉन ब्रांडेड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती थी। इसी को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पोर्टल का निर्माण किया है। अब सभी फैक्टरियों को पोर्टल पर डिटेल उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
पर्यावरण में सुधार आने की उम्मीद
अब तक नॉन ब्रांडेड प्लास्टिक कहीं भी पड़ी हुई देखी जाती थी। नगर निकाय सहित अन्य सरकारी विभागों को इसे री-साइकिल करना पड़ता था। ऐसे में प्लास्टिक का प्रयोग कर लाभ कमाने वाली फैक्टरियां साफ बच जाती थीं और प्लास्टिक री-साइकिल करने में खर्च सरकार को करना पड़ता था क्योंकि यह पता नहीं होता था कि आखिर प्लास्टिक का कौन सा टुकड़ा किस फैक्टरी से निकला है लेकिन अब सभी फैक्टरियों को उपयोग के आधार पर ही संस्थाओं से संपर्क कर प्लास्टिक को री-साइकिल कराना होगा।
अब प्लास्टिक का उपयोग करने वाली सभी फैक्टरियों को पीसीबी के पोर्टल पर उपयोग और री-साइकिल की गई प्लास्टिक की जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने वाली फैक्टरियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - नरेश गोस्वामी, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी।
विस्तार
अब फैक्टरियां अंधाधुंध प्लास्टिक का प्रयोग नहीं कर सकेंगी। पीसीबी ने पोर्टल बनाकर फैक्टरियों को प्लास्टिक का उपयोग करने और वापस लेने के आंकड़े फीड करना अनिवार्य कर दिया है। अब फैक्टरियां जितनी मात्रा में प्लास्टिक का प्रयोग करेंगी उतनी ही मात्रा में उन्हें प्लास्टिक को वापस भी लेना होगा। इस प्रक्रिया पर पीसीबी नजर रखेगी। अगर कोई गड़बड़ी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में पीसीबी, नगर निकाय और प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। इसी क्रम में पीसीबी ने एक पोर्टल बना दिया है। इस पोर्टल के जरिये पीसीबी बाजार में प्लास्टिक भेजने वाली फैक्टरियों की मॉनीटरिंग कर रही है। अब उत्पाद बनाने, पैक करने आदि में प्लास्टिक का उपयोग करने वाली फैक्टरियों को पीसीबी के पोर्टल पर इसकी डिटेल देनी होगी।
फैक्टरियों को प्लास्टिक का उपयोग करते समय पोर्टल पर मात्रा दर्ज करनी होगी। प्लास्टिक बिक्री करने वाली फैक्टरियां भी इसके दायरे में आएंगी ताकि गड़बड़ी की आशंका न रहे। ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड दोनों तरह की फैक्टरियां इसके दायरे में रखी गई हैं ताकि बाजार में जितना प्लास्टिक पहुंचे उसको री-साइकिल भी किया जा सके।
सिर्फ ब्रांडेड कंपनियां आती थीं कार्रवाई की जद में
अब तक कार्रवाई की जद में ज्यादातर ब्रांडेड कंपनियां आती थीं क्योंकि इनके रैपर आदि पर कंपनी का नाम दर्ज रहता था जबकि ऐसी कंपनियां जो रैपर पर अपना नाम दर्ज नहीं करतीं थीं वे आसानी से बच जाती थीं। नॉन ब्रांडेड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती थी। इसी को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पोर्टल का निर्माण किया है। अब सभी फैक्टरियों को पोर्टल पर डिटेल उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
पर्यावरण में सुधार आने की उम्मीद
अब तक नॉन ब्रांडेड प्लास्टिक कहीं भी पड़ी हुई देखी जाती थी। नगर निकाय सहित अन्य सरकारी विभागों को इसे री-साइकिल करना पड़ता था। ऐसे में प्लास्टिक का प्रयोग कर लाभ कमाने वाली फैक्टरियां साफ बच जाती थीं और प्लास्टिक री-साइकिल करने में खर्च सरकार को करना पड़ता था क्योंकि यह पता नहीं होता था कि आखिर प्लास्टिक का कौन सा टुकड़ा किस फैक्टरी से निकला है लेकिन अब सभी फैक्टरियों को उपयोग के आधार पर ही संस्थाओं से संपर्क कर प्लास्टिक को री-साइकिल कराना होगा।
अब प्लास्टिक का उपयोग करने वाली सभी फैक्टरियों को पीसीबी के पोर्टल पर उपयोग और री-साइकिल की गई प्लास्टिक की जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने वाली फैक्टरियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- नरेश गोस्वामी, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी।