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रुद्रपुर। खटीमा की न्याय पंचायत बिगराबाग को मौन पालन विभाग की ओर से मधु ग्राम बनाने की कवायद चल रही है। पहले चरण में 20 लोगों को 20 मौन बक्सों के लिए 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। विभाग की ओर से करीब चार हजार रुपये के एक मौन बक्से पर 3200 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
मौन पालन विभाग की ओर से गदरपुर, दिनेशपुर और खटीमा के 60 मधुपालकों को 40 प्रतिशत का अनुदान देकर मधुमक्खी पालन कराया जा रहा है। 60 मधुपालकों के पास वर्तमान में 1200 मौन बक्से हैं। इनमें से करीब 872 क्विंटल शहद निकाला जाता है। एक मौन पेटिका में करीब दो हजार की संख्या में मधुमक्खियां लीची, सरसों, कड़ी पत्ता, शीशम और सहजन के फूलों से रस लेकर शहद बनाती हैं। मौन पालन में जिले से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए जिलों की न्याय पंचायतों को मधु ग्राम बनाया जा रहा है। इसी क्रम में मौन पालन विभाग की ओर से खटीमा की न्याय पंचायत बिगराबाग का मधु ग्राम बनाने के लिए चयन किया गया है। गांव के लोगों को मधु ग्राम योजना के तहत 80 प्रतिशत अनुदान पर मौन बक्से उपलब्ध कराए जाएंगे। एक लाभार्थी को 20 मौन बक्से दिए जाएंगे। इनकी कीमत 80 हजार रुपये तक होगी। एक मौन पेटिका पर 80 प्रतिशत का अनुदान लेने के बाद लाभार्थी को प्रति पेटी मात्र 800 रुपये खर्च करने होंगे।
उत्तराखंड के शहद की विदेशों में खूब मांग
रुद्रपुर। उत्तराखंड की मधुमक्खियों का शहद विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। राज्य से प्रत्येक वर्ष 125 करोड़ रुपये का शहद अमेरिका को निर्यात किया जा रहा है। मौन पालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के 6142 मधुपालकों के पास 72 हजार मौन पेटिकाएं हैं। इनमें से प्रत्येक वर्ष 21 हजार 164 क्विंटल शहद निकाला जाता है। आईटीसी कंपनी की जांच के बाद इसे यूरोपियन कंपनी में भेजा जाता है।
जिले की एक न्याय पंचायत को मधु ग्राम बनाने की योजना शासन स्तर से बनाई गई है। जिसके बाद खटीमा की न्याय पंचायत बिगराबाग का चयन किया है। इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। शासन से मंजूरी के बाद चयनित लोगों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
- हरीश तिवारी, उप निदेशक, मौन पालन विभाग
रुद्रपुर। खटीमा की न्याय पंचायत बिगराबाग को मौन पालन विभाग की ओर से मधु ग्राम बनाने की कवायद चल रही है। पहले चरण में 20 लोगों को 20 मौन बक्सों के लिए 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। विभाग की ओर से करीब चार हजार रुपये के एक मौन बक्से पर 3200 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
मौन पालन विभाग की ओर से गदरपुर, दिनेशपुर और खटीमा के 60 मधुपालकों को 40 प्रतिशत का अनुदान देकर मधुमक्खी पालन कराया जा रहा है। 60 मधुपालकों के पास वर्तमान में 1200 मौन बक्से हैं। इनमें से करीब 872 क्विंटल शहद निकाला जाता है। एक मौन पेटिका में करीब दो हजार की संख्या में मधुमक्खियां लीची, सरसों, कड़ी पत्ता, शीशम और सहजन के फूलों से रस लेकर शहद बनाती हैं। मौन पालन में जिले से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए जिलों की न्याय पंचायतों को मधु ग्राम बनाया जा रहा है। इसी क्रम में मौन पालन विभाग की ओर से खटीमा की न्याय पंचायत बिगराबाग का मधु ग्राम बनाने के लिए चयन किया गया है। गांव के लोगों को मधु ग्राम योजना के तहत 80 प्रतिशत अनुदान पर मौन बक्से उपलब्ध कराए जाएंगे। एक लाभार्थी को 20 मौन बक्से दिए जाएंगे। इनकी कीमत 80 हजार रुपये तक होगी। एक मौन पेटिका पर 80 प्रतिशत का अनुदान लेने के बाद लाभार्थी को प्रति पेटी मात्र 800 रुपये खर्च करने होंगे।
उत्तराखंड के शहद की विदेशों में खूब मांग
रुद्रपुर। उत्तराखंड की मधुमक्खियों का शहद विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। राज्य से प्रत्येक वर्ष 125 करोड़ रुपये का शहद अमेरिका को निर्यात किया जा रहा है। मौन पालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के 6142 मधुपालकों के पास 72 हजार मौन पेटिकाएं हैं। इनमें से प्रत्येक वर्ष 21 हजार 164 क्विंटल शहद निकाला जाता है। आईटीसी कंपनी की जांच के बाद इसे यूरोपियन कंपनी में भेजा जाता है।
जिले की एक न्याय पंचायत को मधु ग्राम बनाने की योजना शासन स्तर से बनाई गई है। जिसके बाद खटीमा की न्याय पंचायत बिगराबाग का चयन किया है। इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। शासन से मंजूरी के बाद चयनित लोगों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
- हरीश तिवारी, उप निदेशक, मौन पालन विभाग