पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
उद्योगपतियों और नेताओं की खास पसंद रही टाटा की सफारी लग्जरी गाड़ी अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। प्रतिस्पर्धा के दौर में अन्य कई कंपनियों ने महंगे और शानदार लग्जरी कारों को बाजार में उतार कर सफारी की डिमांड कम कर दी तो मजबूरन पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा समूह ने भी सफारी का उत्पादन बंद कर दिया है। 31 मार्च से टाटा सफारी का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है। सूमो और सफारी के बंद होने से अब टाटा समूह के पंतनगर स्थित सिडकुल कारखाने में कर्मचारियों और अधिकारियों में भी खलबली मची हुई है। कर्मचारियों की छंटनी का दौर भी शुरू हो चुका है।
टाटा के पंतनगर सिडकुल स्थित प्लांट के एक इंजीनियर के मुताबिक सफारी का प्लांट भी पुणे में शिफ्ट किया जा रहा है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक 10 लाख रुपए से लेकर 14 लाख कीमत की टाटा सफारी और आठ लाख की टाटा सूमो के बंद होने से सीधे तौर पर 2500 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। 1000 लोगों को कंपनी ने हटा दिया है, जबकि 1500 लोगों के रोजगार पर प्रबंधन विचार कर रहा है। टाटा के मोटर पार्ट्स के कारोबार में एकाएक डिमांड कम होने से अब कई और कर्मचारियों और अधिकारियों के समाने भी रोजगार का संकट पैदा हो गया है। कर्मचारी और अधिकारी रोजगार छिनने से सहमे हुए हैं। वहीं लगातार छंटनी से भी पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा समूह में वर्तमान में खलबली है।
कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के निर्देश पर कंपनी के स्थानीय प्रबंधन को भी मुंह बंद रखने का फरमान है, यही कारण है कि यहां के स्थानीय कंपनी प्रबंधन अब मीडिया से भी कुछ भी बोलने से बचता नजर आने लगा है। कंपनी सूत्रों का कहना है कि यदि राज्य और केंद्र सरकार पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा कंपनी को यहां पर स्थायी तौर पर उत्पादन करने के लिए एक्साइज छूट में एक बार फिर से पांच या दस साल की छूट को बढ़ा दे तो शायद कंपनी अपने बंद हो रहे प्रोडक्ट को एक बार फिर से पुनर्जीवित कर सकती है।
छोटा हाथी का उत्पादन जोरों पर
पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा के कंपनी में वर्तमान में छोटा हाथी यानी मिनी ट्रक का उत्पादन जोरों पर है। हालांकि डिमांड में कमी होने से टाटा के बड़े ट्रक का कारोबार भी लगभग 50 फीसदी घट गया है, लेकिन डिमांड ज्यादा होने के कारण छोटा हाथी ने अभी अपनी पूरी रफ्तार पकड़ रखी है। फिलहाल इसी के सहारे हजारों लोगों का रोजगार चल रहा है। उधर कंपनी के विश्वस्त शूत्रों का कहना है कि टाटा समूह सूमो और सफारी के विकल्प के रूप में कुछ और मोटर पार्ट्स में नए प्रोडक्ट लाने की भी योजना बना रही है।
उद्योगपतियों और नेताओं की खास पसंद रही टाटा की सफारी लग्जरी गाड़ी अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। प्रतिस्पर्धा के दौर में अन्य कई कंपनियों ने महंगे और शानदार लग्जरी कारों को बाजार में उतार कर सफारी की डिमांड कम कर दी तो मजबूरन पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा समूह ने भी सफारी का उत्पादन बंद कर दिया है। 31 मार्च से टाटा सफारी का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है। सूमो और सफारी के बंद होने से अब टाटा समूह के पंतनगर स्थित सिडकुल कारखाने में कर्मचारियों और अधिकारियों में भी खलबली मची हुई है। कर्मचारियों की छंटनी का दौर भी शुरू हो चुका है।
टाटा के पंतनगर सिडकुल स्थित प्लांट के एक इंजीनियर के मुताबिक सफारी का प्लांट भी पुणे में शिफ्ट किया जा रहा है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक 10 लाख रुपए से लेकर 14 लाख कीमत की टाटा सफारी और आठ लाख की टाटा सूमो के बंद होने से सीधे तौर पर 2500 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। 1000 लोगों को कंपनी ने हटा दिया है, जबकि 1500 लोगों के रोजगार पर प्रबंधन विचार कर रहा है। टाटा के मोटर पार्ट्स के कारोबार में एकाएक डिमांड कम होने से अब कई और कर्मचारियों और अधिकारियों के समाने भी रोजगार का संकट पैदा हो गया है। कर्मचारी और अधिकारी रोजगार छिनने से सहमे हुए हैं। वहीं लगातार छंटनी से भी पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा समूह में वर्तमान में खलबली है।
कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के निर्देश पर कंपनी के स्थानीय प्रबंधन को भी मुंह बंद रखने का फरमान है, यही कारण है कि यहां के स्थानीय कंपनी प्रबंधन अब मीडिया से भी कुछ भी बोलने से बचता नजर आने लगा है। कंपनी सूत्रों का कहना है कि यदि राज्य और केंद्र सरकार पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा कंपनी को यहां पर स्थायी तौर पर उत्पादन करने के लिए एक्साइज छूट में एक बार फिर से पांच या दस साल की छूट को बढ़ा दे तो शायद कंपनी अपने बंद हो रहे प्रोडक्ट को एक बार फिर से पुनर्जीवित कर सकती है।
छोटा हाथी का उत्पादन जोरों पर
पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा के कंपनी में वर्तमान में छोटा हाथी यानी मिनी ट्रक का उत्पादन जोरों पर है। हालांकि डिमांड में कमी होने से टाटा के बड़े ट्रक का कारोबार भी लगभग 50 फीसदी घट गया है, लेकिन डिमांड ज्यादा होने के कारण छोटा हाथी ने अभी अपनी पूरी रफ्तार पकड़ रखी है। फिलहाल इसी के सहारे हजारों लोगों का रोजगार चल रहा है। उधर कंपनी के विश्वस्त शूत्रों का कहना है कि टाटा समूह सूमो और सफारी के विकल्प के रूप में कुछ और मोटर पार्ट्स में नए प्रोडक्ट लाने की भी योजना बना रही है।