रुद्रपुर। कंपनी में 51 लाख इन्वेस्ट करने के बाद सात प्रतिशत लाभांश के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। फर्म का जीएसटी पंजीकरण भी निरस्त पाया गया है। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने कंपनी स्वामियों और साझेदारों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आवास विकास निवासी शुभम खनिजो ने पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि केस्टीसाल रिटेल्स के स्वामी व साझेदार वसीम रजाखान, सोहेल रजाखान, मोहम्मद रजाखान, अजीमुद्दीन, अनामिका चौबे, निकिता सूद व अरसला हफीज ने जालसाजी कर उन्हें फंसाया। उन्होंने कहा कि उनकी फर्म में इन्वेस्ट करने पर सात प्रतिशत लाभांश प्रतिमाह मिलेगा। उक्त लोगों ने कहा कि फर्म से भेजे गए माल की पैकेजिंग का काम शुभम को दिया जाएगा। उन्हें बताया गया कि शुरूआती छह माह तक कंपनी कोई लाभांश नहीं देगी, सातवें माह से लाभांश का सात प्रतिशत प्रतिमाह दिया।
उनकी बातों में आकर शुभम ने दो नवंबर 2021 को 11 लाख और 11 नवंबर 2021 को 40 लाख रुपये अपनी फर्म के खाते से उनकी फर्म के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दिए। शुभम ने बताया कि फर्म स्वामी और साझेदारों ने जीएसटी लाइसेंस निरस्त होने की बात उनसे छुपाई थी। फर्म ने करार के छह माह तक पैकिंग के लिए कोई माल नहीं भेजा। उन्होंने जब माल भेजने के बारे में फर्म से बात की तो उन्होंने जून 2022 को लगभग एक लाख का माल भेजा जो किसी अन्य फर्म के नाम से था। उन्होंने जब भेजे गए माल का बिल फर्म से मांगा तो पता चला कि उनके फर्म की जीएसटी निरस्त थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है।