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वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों ने देखे शुक्र पारगमन के खगोलीय नजारे
Udham singh nagar
Updated Thu, 07 Jun 2012 12:00 PM IST
पंतनगर। कालेज ऑफ बेसिक साइंस के वैज्ञानिकों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने बुधवार को शुक्र पारगमन की दुर्लभ घटना का अवलोकन किया। इस घटना में सूर्य की सतह पर एक गहरा काला धब्बा दिखाई पड़ा। इस खगोलीय नजारे को सौर फिल्टर, खास तरह के सौर चश्मों, कैमरों और कंप्यूटर फ्लापी की झिल्ली की मदद से देखा गया। तारा मंडल का यह अद्भुत नजारा सुबह करीब 6.00 से 10.15 बजे तक देखा गया। पर्यावरणविद् डा.वीर सिंह ने बताया जब चांद पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है तो उसे सूर्यग्रहण कहा जाता है, मगर शुक्र या बुध जैसे आंतरिक ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच आते हैं, तो यह घटना पारगमन कहलाती है। उन्होंने बताया इस सदी में शुक्र का यह अंतिम पारगमन है। उन्होंने बताया शुक्र ग्रह का अगला पारगमन 105 साल पांच महीने बाद अर्थात दिसंबर 2117 में होगा। सीबीएसएच की डीन डा.उमा मल्कानिया ने बताया इस घटना को ब्रह्मांडीय एकरूपता दिवस के रूप में मनाया गया।
खटीमा। थारु राजकीय इंटर कालेज परिसर में शुक्र के पारगमन की दुर्लभ खगोलीय घटना को 12 सौ लोगों ने टेलीस्कोप और सोलर फिल्टर के माध्यम से देखा। इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए सुबह पांच बजे से ही जमावड़ा लगना शुरू हो गया था, जो दस बजे तक लगा रहा।
जीआईसी में यू-प्रोब मौसम वैधशाला और अजीमजी प्रेमजी फाउंडेशन के तत्वावधान में शुक्र के पारगमन की दुर्लभ खगोलीय घटना को दिखाने की व्यवस्था की गई थी, जिसको देखने के लिए स्कूली बच्चे सुबह पांच बजे से ही कालेज परिसर में पहुंचने लगे थे। मौसम खराब होने के कारण आठ बजे से पारगमन को दिखाने की प्रक्रिया शुरू हुई। खटीमा शहर के साथ ही भूड़ महोलिया, उमरुखुर्द, इस्लामनगर, खेतलसंडा खाम, नौगवांठगू, बगुलिया, खाली महुवट आदि स्थानों से आए करीब 1200 लोगों ने इस अद्भुत घटना को देखा। इस दौरान फाउंडेशन की ओर से शुक्र पारगमन पर रिफ्लेक्टर के माध्यम से फिल्म दिखाई गई। प्रचार-प्रसार के चलते लोगों ने इस घटना को अपने-अपने घरों पर भी देखी।
इस अवसर पर मौसम विभाग के प्रभारी और आयोजक एनएस रौतेला, प्रधानाचार्य सुदर्शन वर्मा, केसी जोशी, जय शंकर चौबे, विमल कुमार, नरेश चंद्र पांडे, कुलवंत सिंह, डा. गंगाधर राय, दीपक पुरोहित, अंजुम आलम, राकेश कुमार सुमन, रंजू शर्मा, सुरेश शर्मा, प्रियंका शर्मा, सीमा, शोभा जोशी, मनोज तिवारी, विमला गिरी, पीसी पांडे, नाजिम, साहिद आदि मौजूद थे।
पंतनगर। कालेज ऑफ बेसिक साइंस के वैज्ञानिकों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने बुधवार को शुक्र पारगमन की दुर्लभ घटना का अवलोकन किया। इस घटना में सूर्य की सतह पर एक गहरा काला धब्बा दिखाई पड़ा। इस खगोलीय नजारे को सौर फिल्टर, खास तरह के सौर चश्मों, कैमरों और कंप्यूटर फ्लापी की झिल्ली की मदद से देखा गया। तारा मंडल का यह अद्भुत नजारा सुबह करीब 6.00 से 10.15 बजे तक देखा गया। पर्यावरणविद् डा.वीर सिंह ने बताया जब चांद पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है तो उसे सूर्यग्रहण कहा जाता है, मगर शुक्र या बुध जैसे आंतरिक ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच आते हैं, तो यह घटना पारगमन कहलाती है। उन्होंने बताया इस सदी में शुक्र का यह अंतिम पारगमन है। उन्होंने बताया शुक्र ग्रह का अगला पारगमन 105 साल पांच महीने बाद अर्थात दिसंबर 2117 में होगा। सीबीएसएच की डीन डा.उमा मल्कानिया ने बताया इस घटना को ब्रह्मांडीय एकरूपता दिवस के रूप में मनाया गया।
खटीमा। थारु राजकीय इंटर कालेज परिसर में शुक्र के पारगमन की दुर्लभ खगोलीय घटना को 12 सौ लोगों ने टेलीस्कोप और सोलर फिल्टर के माध्यम से देखा। इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए सुबह पांच बजे से ही जमावड़ा लगना शुरू हो गया था, जो दस बजे तक लगा रहा।
जीआईसी में यू-प्रोब मौसम वैधशाला और अजीमजी प्रेमजी फाउंडेशन के तत्वावधान में शुक्र के पारगमन की दुर्लभ खगोलीय घटना को दिखाने की व्यवस्था की गई थी, जिसको देखने के लिए स्कूली बच्चे सुबह पांच बजे से ही कालेज परिसर में पहुंचने लगे थे। मौसम खराब होने के कारण आठ बजे से पारगमन को दिखाने की प्रक्रिया शुरू हुई। खटीमा शहर के साथ ही भूड़ महोलिया, उमरुखुर्द, इस्लामनगर, खेतलसंडा खाम, नौगवांठगू, बगुलिया, खाली महुवट आदि स्थानों से आए करीब 1200 लोगों ने इस अद्भुत घटना को देखा। इस दौरान फाउंडेशन की ओर से शुक्र पारगमन पर रिफ्लेक्टर के माध्यम से फिल्म दिखाई गई। प्रचार-प्रसार के चलते लोगों ने इस घटना को अपने-अपने घरों पर भी देखी।
इस अवसर पर मौसम विभाग के प्रभारी और आयोजक एनएस रौतेला, प्रधानाचार्य सुदर्शन वर्मा, केसी जोशी, जय शंकर चौबे, विमल कुमार, नरेश चंद्र पांडे, कुलवंत सिंह, डा. गंगाधर राय, दीपक पुरोहित, अंजुम आलम, राकेश कुमार सुमन, रंजू शर्मा, सुरेश शर्मा, प्रियंका शर्मा, सीमा, शोभा जोशी, मनोज तिवारी, विमला गिरी, पीसी पांडे, नाजिम, साहिद आदि मौजूद थे।