लंबगांव (टिहरी)। बादल फटने से प्रतापनगर क्षेत्र के मिश्रवाण गांव में काश्तकारों के खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्राम खेत एवं मिश्रवाण गांव के बीच बनी पुलिया भी आपदा की भेट चढ़ गई है। जिससे दोनों गांवों का संपर्क टूट गया है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधयों ने क्षति का निरीक्षण कर जल्द ही प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि देने की मांग की है।
11 अगस्त की शाम करीब सात बजे मिश्रवाण गांव के समीप बादल फटने से मलबा और पानी खेतों में घुस गया। मलबे से गांव की लगभग 100 नाली खेतों को नुकसान पहुंचा है। मंडुवा, धान, चौलाई की फसलों को सबसे अधिक क्षति पहुंची है। मिश्रवाण गांव की प्रधान विसला देवी, यशपाल मिश्रवाण, प्रदीप मिश्रवाण, खेत के पूर्व प्रधान बर्फ सिंह रावत एवं दिवाकर भट्ट ने बताया कि घटना से पहले मौसम साफ था। लेकिन एकाएक हुई बारिश के दौरान बादल फट गया। पानी और मलबा खेतों पर कहर बनकर टूट पड़ा। उन्होंने प्रशासन से क्षति का जायला लेकर जल्द ही सभी प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है।
लंबगांव (टिहरी)। बादल फटने से प्रतापनगर क्षेत्र के मिश्रवाण गांव में काश्तकारों के खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्राम खेत एवं मिश्रवाण गांव के बीच बनी पुलिया भी आपदा की भेट चढ़ गई है। जिससे दोनों गांवों का संपर्क टूट गया है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधयों ने क्षति का निरीक्षण कर जल्द ही प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि देने की मांग की है।
11 अगस्त की शाम करीब सात बजे मिश्रवाण गांव के समीप बादल फटने से मलबा और पानी खेतों में घुस गया। मलबे से गांव की लगभग 100 नाली खेतों को नुकसान पहुंचा है। मंडुवा, धान, चौलाई की फसलों को सबसे अधिक क्षति पहुंची है। मिश्रवाण गांव की प्रधान विसला देवी, यशपाल मिश्रवाण, प्रदीप मिश्रवाण, खेत के पूर्व प्रधान बर्फ सिंह रावत एवं दिवाकर भट्ट ने बताया कि घटना से पहले मौसम साफ था। लेकिन एकाएक हुई बारिश के दौरान बादल फट गया। पानी और मलबा खेतों पर कहर बनकर टूट पड़ा। उन्होंने प्रशासन से क्षति का जायला लेकर जल्द ही सभी प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है।