गुप्तकाशी। मंगलवार शाम को गुप्तकाशी पहुंचे मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि आपदा में मृतकों की विधवाआें को विधवा पेंशन दी जाएगी। उनके स्वरोजगार के लिए केंद्र सरकार के साथ प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मृतकाें और लापता लोगाें जिनके शव बरामद नहीं हुए हैं उनको मृत मानकर 16 जुलाई से उनके परिजनाें को मुआवजा राशि का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान सीएम ने आपदा प्रभाविताें से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 सितंबर तक बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्रा शुरू कर दी जाएगी। सड़क सुधारने के लिए बीआरओ से बातचीत की गई है। केदारनाथ मार्ग और चौमासी-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जीएसआई की रिपोर्ट का संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और आर्मी की मदद से केदारनाथ धाम के मलबे की सफाई की जाएगी। वहीं केदारनाथ में हो रहे कार्यों की प्रत्येक दस दिन में समीक्षा होगी। आपदा में विभिन्न क्षेत्राें में बहे 32 पुलाें के निर्माण के लिए भी केंद्र से अनुमति मिल चुकी है।
साथ में आए कृषि डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रभावित परिवाराें को दस लीटर निशुल्क मिट्टी का तेल दिया जाएगा। अप्रभावित परिवाराें को 17 रुपये की दर से कैरोसीन उपलब्ध कराया जाएगा। कैंप लगाए जाएंगे जिसमें लोगों के प्रमाण पत्र पुन: बनाए जाएंगे। इस मौके पर प्रमुख सचिव राकेश शर्मा, डीएम दिलीप जावलकर, डीआईजी अमित सिंहा सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इंसेट
कालीमठ में बनेगा हेलीपैड
सीएम ने कालीमठ क्षेत्र के आठ गांवाें को जोड़ने वाले पुल के बहने से गांव में रसद संकट को दूर करने के लिए इन गांवाें के मध्य खेत में अस्थायी हेलीपैड बनाने की बात भी कही। कहा कि इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। हेलीपैड से हेलीकाप्टर से गांवाें को नियमित रसद पहुंचाई जाएगी। गांव को जोड़ने के लिए वैकल्पिक फोल्ड ब्रिज के लिए बंगाल इंजीनियरिंग से भी बातचीत चल रही है।
सीएम ने कहा कि निजी और सरकारी भूमि पर बने ढाबे जो आपदा में क्षतिग्रस्त हो गए हैं, ऐसे प्रभाविताें को भी मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावित गांवाें में सुरक्षा की दृष्टि से प्रभाविताें को प्रीफ्रेबिकेट हट बनाए जाएंगे। उन्हाेंने डीएम रुद्रप्रयाग को प्रभावित गांवाें में टेंट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। सीएम ने कहा कि वर्ल्ड बैंक की टीम प्रदेश में आई आपदा का निरीक्षण कर चुकी है। केंद्र सरकार से बाढ़ नियंत्रण और तटबंध निर्माण को 500 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है।
गुप्तकाशी। मंगलवार शाम को गुप्तकाशी पहुंचे मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि आपदा में मृतकों की विधवाआें को विधवा पेंशन दी जाएगी। उनके स्वरोजगार के लिए केंद्र सरकार के साथ प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मृतकाें और लापता लोगाें जिनके शव बरामद नहीं हुए हैं उनको मृत मानकर 16 जुलाई से उनके परिजनाें को मुआवजा राशि का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान सीएम ने आपदा प्रभाविताें से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 सितंबर तक बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्रा शुरू कर दी जाएगी। सड़क सुधारने के लिए बीआरओ से बातचीत की गई है। केदारनाथ मार्ग और चौमासी-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जीएसआई की रिपोर्ट का संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और आर्मी की मदद से केदारनाथ धाम के मलबे की सफाई की जाएगी। वहीं केदारनाथ में हो रहे कार्यों की प्रत्येक दस दिन में समीक्षा होगी। आपदा में विभिन्न क्षेत्राें में बहे 32 पुलाें के निर्माण के लिए भी केंद्र से अनुमति मिल चुकी है।
साथ में आए कृषि डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रभावित परिवाराें को दस लीटर निशुल्क मिट्टी का तेल दिया जाएगा। अप्रभावित परिवाराें को 17 रुपये की दर से कैरोसीन उपलब्ध कराया जाएगा। कैंप लगाए जाएंगे जिसमें लोगों के प्रमाण पत्र पुन: बनाए जाएंगे। इस मौके पर प्रमुख सचिव राकेश शर्मा, डीएम दिलीप जावलकर, डीआईजी अमित सिंहा सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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कालीमठ में बनेगा हेलीपैड
सीएम ने कालीमठ क्षेत्र के आठ गांवाें को जोड़ने वाले पुल के बहने से गांव में रसद संकट को दूर करने के लिए इन गांवाें के मध्य खेत में अस्थायी हेलीपैड बनाने की बात भी कही। कहा कि इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। हेलीपैड से हेलीकाप्टर से गांवाें को नियमित रसद पहुंचाई जाएगी। गांव को जोड़ने के लिए वैकल्पिक फोल्ड ब्रिज के लिए बंगाल इंजीनियरिंग से भी बातचीत चल रही है।
सीएम ने कहा कि निजी और सरकारी भूमि पर बने ढाबे जो आपदा में क्षतिग्रस्त हो गए हैं, ऐसे प्रभाविताें को भी मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावित गांवाें में सुरक्षा की दृष्टि से प्रभाविताें को प्रीफ्रेबिकेट हट बनाए जाएंगे। उन्हाेंने डीएम रुद्रप्रयाग को प्रभावित गांवाें में टेंट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। सीएम ने कहा कि वर्ल्ड बैंक की टीम प्रदेश में आई आपदा का निरीक्षण कर चुकी है। केंद्र सरकार से बाढ़ नियंत्रण और तटबंध निर्माण को 500 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है।