रुद्रप्रयाग। राजकीय सिंचाई विभाग के केंद्रीय गोदाम से सीमेंट के कट्टों की निकासी शुरू हो गई है। तहसीलदार और राजस्व विभाग की कर्मियों की मौजूदगी में गोदाम से सीमेंट के कट्टे निकलवाए जा रहे हैं।
चार दिसंबर को तहसील प्रशासन ने केंद्रीय गोदाम को सील करने के साथ ही सेट सीमेंट के कट्टे जब्त किए थे। इस मामले में एसडीएम सदर डा. ललित नारायण मिश्र द्वारा प्रारंभिक जांच करने के पश्चात डीएम को रिपोर्ट सौंप दी गई थी। करीब 10 दिन पूर्व डीएम ने एडीएम नवनीत पांडेय को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए दो सप्ताह में रिपोर्ट देने के आदेश दिए। रविवार को प्रशासन ने सिंचाई विभाग के अधिकारियाें की मौजूदगी में केंद्रीय गोदाम की सील खुलवा दी। बुधवार को तहसीलदार एसपी उनियाल की मौजूदगी में सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने सीमेंट के कट्टे साइट पर भेजे। इस मामले में महत्वपूर्ण बात यह है कि मामला सेट सीमेंट का था और जांच भी यहीं से शुरू हुई थी, लेकिन अभी तक की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि सीमेंट की गुणवत्ता के बजाय कट्टों की संख्या पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। वैसे, तहसीलदार का कहना है कि गोदाम में कट्टे ठीक ढंग से नहीं रखे गए थे, इसलिए उनकी गिनती निकासी के वक्त की जा रही है। सेट सीमेंट को भी देखा जा रहा है।
रुद्रप्रयाग। राजकीय सिंचाई विभाग के केंद्रीय गोदाम से सीमेंट के कट्टों की निकासी शुरू हो गई है। तहसीलदार और राजस्व विभाग की कर्मियों की मौजूदगी में गोदाम से सीमेंट के कट्टे निकलवाए जा रहे हैं।
चार दिसंबर को तहसील प्रशासन ने केंद्रीय गोदाम को सील करने के साथ ही सेट सीमेंट के कट्टे जब्त किए थे। इस मामले में एसडीएम सदर डा. ललित नारायण मिश्र द्वारा प्रारंभिक जांच करने के पश्चात डीएम को रिपोर्ट सौंप दी गई थी। करीब 10 दिन पूर्व डीएम ने एडीएम नवनीत पांडेय को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए दो सप्ताह में रिपोर्ट देने के आदेश दिए। रविवार को प्रशासन ने सिंचाई विभाग के अधिकारियाें की मौजूदगी में केंद्रीय गोदाम की सील खुलवा दी। बुधवार को तहसीलदार एसपी उनियाल की मौजूदगी में सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने सीमेंट के कट्टे साइट पर भेजे। इस मामले में महत्वपूर्ण बात यह है कि मामला सेट सीमेंट का था और जांच भी यहीं से शुरू हुई थी, लेकिन अभी तक की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि सीमेंट की गुणवत्ता के बजाय कट्टों की संख्या पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। वैसे, तहसीलदार का कहना है कि गोदाम में कट्टे ठीक ढंग से नहीं रखे गए थे, इसलिए उनकी गिनती निकासी के वक्त की जा रही है। सेट सीमेंट को भी देखा जा रहा है।