ब्यूरो/अमर उजाला, रुड़की। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम रुड़की ने मिलावटखोरी के आरोप में दो लोगों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। वहीं एक पर दस हजार तो दूसरे पर एक हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। दोनों मामलों में तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने करीब 17-18 साल पहले सैंपल लिए गए थे। इसके बाद दोनों मामलों पर कार्रवाई चल रही थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी रुड़की संतोष कुमार ने बताया कि करीब 18 साल पहले तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी यज्ञ दत्त आर्य ने एक लड्डू का सैंपल सुल्तानपुर के सोनू की दुकान से लिया था। इस लड्डू में मिलावटी रंग लगाया गया था, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होता है। सैंपल को लेकर जांच के लिए भेजा गया था। सैंपल फेल होने के बाद मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी रुड़की संतोष कुमार ने बताया उनके द्वारा इस मुकदमे की पैरवी की जा रही थी। इसमें सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम विशाल वशिष्ठ ने आरोपी दुकानदार सोनू को तीन साल की सजा सुनाई है। वहीं दस हजार का जुर्माना भी लगाया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही करीब 17 साल पहले तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी चित्ररंजन कुमार ने एक मिलावटी तेल का सैंपल मंगलौर की आदेश की दुकान से लिया था। यह सैंपल भी जांच में फेल हो गया था। इसके बाद इस मामले में भी मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसकी सुनवाई करने के बाद सजा सुनाई गई है। उन्होंने बताया कि आदेश को तीन साल की सजा के साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
ब्यूरो/अमर उजाला, रुड़की। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम रुड़की ने मिलावटखोरी के आरोप में दो लोगों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। वहीं एक पर दस हजार तो दूसरे पर एक हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। दोनों मामलों में तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने करीब 17-18 साल पहले सैंपल लिए गए थे। इसके बाद दोनों मामलों पर कार्रवाई चल रही थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी रुड़की संतोष कुमार ने बताया कि करीब 18 साल पहले तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी यज्ञ दत्त आर्य ने एक लड्डू का सैंपल सुल्तानपुर के सोनू की दुकान से लिया था। इस लड्डू में मिलावटी रंग लगाया गया था, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होता है। सैंपल को लेकर जांच के लिए भेजा गया था। सैंपल फेल होने के बाद मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी रुड़की संतोष कुमार ने बताया उनके द्वारा इस मुकदमे की पैरवी की जा रही थी। इसमें सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम विशाल वशिष्ठ ने आरोपी दुकानदार सोनू को तीन साल की सजा सुनाई है। वहीं दस हजार का जुर्माना भी लगाया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही करीब 17 साल पहले तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी चित्ररंजन कुमार ने एक मिलावटी तेल का सैंपल मंगलौर की आदेश की दुकान से लिया था। यह सैंपल भी जांच में फेल हो गया था। इसके बाद इस मामले में भी मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसकी सुनवाई करने के बाद सजा सुनाई गई है। उन्होंने बताया कि आदेश को तीन साल की सजा के साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।