{"_id":"5e4c3a8a8ebc3eccd362a603","slug":"peaceless-without-pure-climate-swami-chidanand-rishikesh-news-drn3366032171","type":"story","status":"publish","title_hn":"\u0936\u0941\u0926\u094d\u0927 \u091c\u0932\u0935\u093e\u092f\u0941 \u0915\u0947 \u092c\u093f\u0928\u093e \u0936\u093e\u0902\u0924\u093f \u092c\u0947\u092e\u093e\u0928\u0940 : \u0938\u094d\u0935\u093e\u092e\u0940 \u091a\u093f\u0926\u093e\u0928\u0902\u0926","category":{"title":"City & states","title_hn":"\u0936\u0939\u0930 \u0914\u0930 \u0930\u093e\u091c\u094d\u092f","slug":"city-and-states"}}
शुद्ध जलवायु के बिना शांति बेमानी : स्वामी चिदानंद
स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात करते नेपाल के पूर्व राजदूत।
- फोटो : RISHIKESH
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
मंगलवार को नेपाल के भूतपूर्व राजदूत और लुंबिनी रिसर्च सेंटर फॉर अंडरस्टैंडिंग एडं पीस के अध्यक्ष निरंजन मान सिंह ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंटवार्ता की। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि लुंबिनी रिसर्च सेंटर प्रमुख रूप से पूरी दुनिया में कार्यरत शांति प्रक्रियाओं का समर्थन करता है। कहा कि ये संस्थान भगवान बुद्ध के शांति संदेशों को पूर्ण करने के लिए हर संभव प्रयत्यशील है।
भेंट वार्ता के दौरान स्वामी चिदानंद ने नेपाल के भूतपूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह से कहा कि पूरा विश्व स्थायी शांति की तलाश में है। हम सभी शांति चाहते हैं, लेकिन ये तभी मिल सकती है जब हम बचे हुए प्राकृतिक संधाधनों का संयमित प्रयोग शुरू करें। जब तक स्वच्छ जल, शुद्ध वायु, पर्याप्त भोजन, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाएं जैसी जरूरतें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक शांति की कल्पना बेमानी है। शांति मनुष्य के भीतर ही विद्यमान है, ध्यान के माध्यम से उसे प्राप्त किया जा सकता है। भूतपूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह ने स्वामी को लुंबिनी रिसर्च सेंटर में आकर मार्गदर्शन के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर स्वामी ने निरंजन मान सिंह को मां गंगा के आशीर्वाद स्वरूप परमार्थ निकेतन का साहित्य भेंट किया।
मंगलवार को नेपाल के भूतपूर्व राजदूत और लुंबिनी रिसर्च सेंटर फॉर अंडरस्टैंडिंग एडं पीस के अध्यक्ष निरंजन मान सिंह ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंटवार्ता की। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि लुंबिनी रिसर्च सेंटर प्रमुख रूप से पूरी दुनिया में कार्यरत शांति प्रक्रियाओं का समर्थन करता है। कहा कि ये संस्थान भगवान बुद्ध के शांति संदेशों को पूर्ण करने के लिए हर संभव प्रयत्यशील है।
भेंट वार्ता के दौरान स्वामी चिदानंद ने नेपाल के भूतपूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह से कहा कि पूरा विश्व स्थायी शांति की तलाश में है। हम सभी शांति चाहते हैं, लेकिन ये तभी मिल सकती है जब हम बचे हुए प्राकृतिक संधाधनों का संयमित प्रयोग शुरू करें। जब तक स्वच्छ जल, शुद्ध वायु, पर्याप्त भोजन, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाएं जैसी जरूरतें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक शांति की कल्पना बेमानी है। शांति मनुष्य के भीतर ही विद्यमान है, ध्यान के माध्यम से उसे प्राप्त किया जा सकता है। भूतपूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह ने स्वामी को लुंबिनी रिसर्च सेंटर में आकर मार्गदर्शन के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर स्वामी ने निरंजन मान सिंह को मां गंगा के आशीर्वाद स्वरूप परमार्थ निकेतन का साहित्य भेंट किया।