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दो वर्ष पूर्व नगर पालिका से अपग्रेड होकर नगर निगम बना ऋषिकेश अपनी दूसरी वर्षगांठ मनाने जा रहा है। पहली मेयर बनी अनिता ममगाईं भी बुधवार को अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लेंगी। इस दौरान मेयर की कुर्सी का उनका यह सफर पार्टी की गुटबाजी के बीच मिलाजुला रहा। मेयर की मानें तो धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश तेजी के साथ विकास के पथ पर अग्रसर है। वे जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने का वह अभी प्रयास कर रही हैं।
निगम के सबसे महत्वपूर्ण दो काम कचरा प्रबंधन और पथ प्रकाश की स्थिति देखें तो इन दो वर्षों में निगम उम्मीद जगाते हुए दिखता है। शहर के बीचोंबीच गोविंद नगर में खड़े कूड़े के पहाड़ को हटाने की दिशा में मेयर की पहल आगे बढ़ते हुई दिख रही है। लाल पानी में नए ट्रंचिंग ग्राउंड की सैद्धांतिक स्वीकृति उम्मीद जगाती है कि देर-सवेर शहरवासियों को इससे निजात मिलेगी।
इस मामले में मेयर और निगम प्रशासन की भागदौड़ फाइल को आगे सरकाने में महत्वपूर्ण मानी जा सकती है। वहीं, शहर की सड़कों पर पशुओं की भीड़, सूअर और खच्चर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। दूसरी तरफ फुटकर सब्जी व्यापारियों का मसला वेंडिंग जोन के बाद भी हल न होना, फल-सब्जी विक्रेताओं द्वारा निगम बोर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद भी रेट लिस्ट न लगाना इनके राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है।
हालांकि इस सवाल पर वे स्पष्ट कहती हैं, शहर हित में निगम प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई का वह हमेशा समर्थन करती हैं, लेकिन आम राय यही है कि मेयर अपने राजनीतिक लाभ के लिए कई बार कार्रवाई मेें खुद बाधा बनती हैं। इन दो वर्षों के कार्यकाल में वक्त-बेवक्त कई ऐसे मौके भी आए, जब वे अपनी ही पार्टी भाजपा के दूसरे नेताओं से इतर खड़ी नजर आईं। शहर में पार्टी के भीतर पक रही इस खिचड़ी से यूं तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन पार्टी नेताओं को शायद इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
अमर उजाला ने उनकी दो साल की उपलब्धियों पर उनसे बात की तो उन्होंने शहर के विकास से जुड़े कई सकारात्मक पहलुओं को सामने रखा। इसमें कचरा प्रबंधन के लिए नगर निगम ऋषिकेश द्वारा सभी वार्डों में 50,000 डस्टबिन निशुल्क बांटे गए। हर घर कूड़ा गाड़ी पहुंचाने के लक्ष्य को भी निगम पार पाने की लगातार कोशिश कर रहा है। इसके लिए सरकार की मदद से 20 नए कूड़ा वाहन खरीदे गए हैं।
330 डबल आर्म डिवाइडर लाइट एवं 5000 स्ट्रीट लाइट शहर में पांच साल की वारंटी के साथ लगवाई गई हैं। इंद्रमणि बडोनी चौक, आंबेडकर चौक एवं 72 सीढ़ी घाट का निर्माण कार्य एवं सौंदर्यीकरण पूरा, शहर में वेंडिंग जोन, हाईटेक शौचालयों का निर्माण कार्य तय किया गया है।
इसके अलावा भवन कर में 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान, सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंट्रोल रूम की नगर निगम में स्थापना का कार्य गतिमान, कोरोना काल के दौरान मेयर हेल्पलाइन के माध्यम से घर बैठे समस्याओं का समाधान प्रमुख रहे।
दो वर्ष पूर्व नगर पालिका से अपग्रेड होकर नगर निगम बना ऋषिकेश अपनी दूसरी वर्षगांठ मनाने जा रहा है। पहली मेयर बनी अनिता ममगाईं भी बुधवार को अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लेंगी। इस दौरान मेयर की कुर्सी का उनका यह सफर पार्टी की गुटबाजी के बीच मिलाजुला रहा। मेयर की मानें तो धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश तेजी के साथ विकास के पथ पर अग्रसर है। वे जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने का वह अभी प्रयास कर रही हैं।
निगम के सबसे महत्वपूर्ण दो काम कचरा प्रबंधन और पथ प्रकाश की स्थिति देखें तो इन दो वर्षों में निगम उम्मीद जगाते हुए दिखता है। शहर के बीचोंबीच गोविंद नगर में खड़े कूड़े के पहाड़ को हटाने की दिशा में मेयर की पहल आगे बढ़ते हुई दिख रही है। लाल पानी में नए ट्रंचिंग ग्राउंड की सैद्धांतिक स्वीकृति उम्मीद जगाती है कि देर-सवेर शहरवासियों को इससे निजात मिलेगी।
इस मामले में मेयर और निगम प्रशासन की भागदौड़ फाइल को आगे सरकाने में महत्वपूर्ण मानी जा सकती है। वहीं, शहर की सड़कों पर पशुओं की भीड़, सूअर और खच्चर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। दूसरी तरफ फुटकर सब्जी व्यापारियों का मसला वेंडिंग जोन के बाद भी हल न होना, फल-सब्जी विक्रेताओं द्वारा निगम बोर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद भी रेट लिस्ट न लगाना इनके राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है।
हालांकि इस सवाल पर वे स्पष्ट कहती हैं, शहर हित में निगम प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई का वह हमेशा समर्थन करती हैं, लेकिन आम राय यही है कि मेयर अपने राजनीतिक लाभ के लिए कई बार कार्रवाई मेें खुद बाधा बनती हैं। इन दो वर्षों के कार्यकाल में वक्त-बेवक्त कई ऐसे मौके भी आए, जब वे अपनी ही पार्टी भाजपा के दूसरे नेताओं से इतर खड़ी नजर आईं। शहर में पार्टी के भीतर पक रही इस खिचड़ी से यूं तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन पार्टी नेताओं को शायद इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
अमर उजाला ने उनकी दो साल की उपलब्धियों पर उनसे बात की तो उन्होंने शहर के विकास से जुड़े कई सकारात्मक पहलुओं को सामने रखा। इसमें कचरा प्रबंधन के लिए नगर निगम ऋषिकेश द्वारा सभी वार्डों में 50,000 डस्टबिन निशुल्क बांटे गए। हर घर कूड़ा गाड़ी पहुंचाने के लक्ष्य को भी निगम पार पाने की लगातार कोशिश कर रहा है। इसके लिए सरकार की मदद से 20 नए कूड़ा वाहन खरीदे गए हैं।
330 डबल आर्म डिवाइडर लाइट एवं 5000 स्ट्रीट लाइट शहर में पांच साल की वारंटी के साथ लगवाई गई हैं। इंद्रमणि बडोनी चौक, आंबेडकर चौक एवं 72 सीढ़ी घाट का निर्माण कार्य एवं सौंदर्यीकरण पूरा, शहर में वेंडिंग जोन, हाईटेक शौचालयों का निर्माण कार्य तय किया गया है।
इसके अलावा भवन कर में 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान, सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंट्रोल रूम की नगर निगम में स्थापना का कार्य गतिमान, कोरोना काल के दौरान मेयर हेल्पलाइन के माध्यम से घर बैठे समस्याओं का समाधान प्रमुख रहे।