पिथौरागढ़। जिला महिला अस्पताल में लगातार हो रही गर्भवती महिलाओं की मौत के बाद आक्रोश थमने का नहीं ले रहा है। घटना से नाराज शिलिंग स्युनपोखरा की महिलाओं ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मंगलवार को शिलिंग स्युनपोखरा की महिलाओं ने पूर्व जिपं सदस्य जगदीश कुमार के नेतृत्व में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि जिला महिला अस्पताल में महिलाओं की मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ढाई माह में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं कर पा रहा है।
महिला अस्पताल में गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन तो है रेडियोलॉजिस्ट का पद स्वीकृत नहीं है। महिलाओं के लिए यहां पर रक्त जांच और पैथोलाजी लैब का न होना दुखद है। महिला अस्पताल में लगातार हो रही महिलाओं की मौत के बाद महिलाओं के मन भय बैठ गया है।
70 वर्षीय कलावती देवी का कहना है कि उनके समय में घर में ही बच्चे पैदा होते थे। बच्चे भी स्वस्थ होते थे। आज इतनी जांच की सुविधा होने के बाद इस तरह की घटनाओं से मन दुखी हो रहा है। प्रदर्शन करने वालों में कौशल्या देवी, ऊषा देवी, मंजू देवी, सुनीता देवी, हेमा देवी, बीना देवी ,हेमा देवी, मनीषा देवी, हिमानी देवी मौजूद रहे।
आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने तक चुप नहीं बैठेंगे जगदीश
पिथौरागढ़। जिपं सदस्य जगदीश कुमार का कहना है कि जिला महिला अस्पताल में लंबे समय से व्यवस्थाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं। कहा इसके बाद भी लगातार हो रही घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कहा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सीमांत के लोग भुगत रहे हैं। शीघ्र ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो अस्पताल में धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। संवाद
पिथौरागढ़। जिला महिला अस्पताल में लगातार हो रही गर्भवती महिलाओं की मौत के बाद आक्रोश थमने का नहीं ले रहा है। घटना से नाराज शिलिंग स्युनपोखरा की महिलाओं ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मंगलवार को शिलिंग स्युनपोखरा की महिलाओं ने पूर्व जिपं सदस्य जगदीश कुमार के नेतृत्व में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि जिला महिला अस्पताल में महिलाओं की मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ढाई माह में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं कर पा रहा है।
महिला अस्पताल में गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन तो है रेडियोलॉजिस्ट का पद स्वीकृत नहीं है। महिलाओं के लिए यहां पर रक्त जांच और पैथोलाजी लैब का न होना दुखद है। महिला अस्पताल में लगातार हो रही महिलाओं की मौत के बाद महिलाओं के मन भय बैठ गया है।
70 वर्षीय कलावती देवी का कहना है कि उनके समय में घर में ही बच्चे पैदा होते थे। बच्चे भी स्वस्थ होते थे। आज इतनी जांच की सुविधा होने के बाद इस तरह की घटनाओं से मन दुखी हो रहा है। प्रदर्शन करने वालों में कौशल्या देवी, ऊषा देवी, मंजू देवी, सुनीता देवी, हेमा देवी, बीना देवी ,हेमा देवी, मनीषा देवी, हिमानी देवी मौजूद रहे।
आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने तक चुप नहीं बैठेंगे जगदीश
पिथौरागढ़। जिपं सदस्य जगदीश कुमार का कहना है कि जिला महिला अस्पताल में लंबे समय से व्यवस्थाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं। कहा इसके बाद भी लगातार हो रही घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कहा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सीमांत के लोग भुगत रहे हैं। शीघ्र ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो अस्पताल में धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। संवाद