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धारचूला। सड़क मार्ग, पैदल रास्ते, मोटर और पैदल पुल ध्वस्त होने से धारचूला, मुनस्यारी में सैकड़ों लोग गांवों में ही फंसे हैं, लेकिन प्रशासन राहत और बचाव के काम में लगे सेना के हेलीकॉप्टरों में ‘उल्टा बांस बरेली’ की तर्ज पर ठीकठाक लोगों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो प्रशासन के भी अपने तर्क हैं।
मंगलवार और बुधवार को प्रशासन ने वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से न केवल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकाला बल्कि धारचूला से लोगों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में उनके गांवों तक भी पहुंचाया। बुधवार को दुग्तू के चार लोगों को हेलीकॉप्टर से दुग्तू उतारा गया। इसके पहले दिन मंगलवार को चार लोग धारचूला से नागलिंग पहुंचाए गए।
भाकपा माले के जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया ने हेलीकॉप्टर से लोगों को आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचाने को औचित्यहीन बताते हुए कहा है कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लोग लापता हो गए हैं, घर बह गए हैं, खोजबीन करने वाला कोई नहीं है। प्रशासन लोगों को असुरक्षित स्थान पर भेजकर जानबूझकर खतरे में डाल रहा है। उन्होंने कहा कि शासन में बैठे इलाके के कुछ प्रभावशाली अफसरों के दबाव में प्रशासन उल्टा बांस बरेली का खेल खेल रहा है।
इधर, एसडीएम प्रमोद कुमार ने कहा है कि स्थानीय लोगों को ही नहीं सरकारी कर्मचारियों को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हालात जानने के लिए हेलीकॉप्टर से भेजा जा रहा है।
धारचूला। सड़क मार्ग, पैदल रास्ते, मोटर और पैदल पुल ध्वस्त होने से धारचूला, मुनस्यारी में सैकड़ों लोग गांवों में ही फंसे हैं, लेकिन प्रशासन राहत और बचाव के काम में लगे सेना के हेलीकॉप्टरों में ‘उल्टा बांस बरेली’ की तर्ज पर ठीकठाक लोगों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो प्रशासन के भी अपने तर्क हैं।
मंगलवार और बुधवार को प्रशासन ने वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से न केवल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकाला बल्कि धारचूला से लोगों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में उनके गांवों तक भी पहुंचाया। बुधवार को दुग्तू के चार लोगों को हेलीकॉप्टर से दुग्तू उतारा गया। इसके पहले दिन मंगलवार को चार लोग धारचूला से नागलिंग पहुंचाए गए।
भाकपा माले के जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया ने हेलीकॉप्टर से लोगों को आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचाने को औचित्यहीन बताते हुए कहा है कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लोग लापता हो गए हैं, घर बह गए हैं, खोजबीन करने वाला कोई नहीं है। प्रशासन लोगों को असुरक्षित स्थान पर भेजकर जानबूझकर खतरे में डाल रहा है। उन्होंने कहा कि शासन में बैठे इलाके के कुछ प्रभावशाली अफसरों के दबाव में प्रशासन उल्टा बांस बरेली का खेल खेल रहा है।
इधर, एसडीएम प्रमोद कुमार ने कहा है कि स्थानीय लोगों को ही नहीं सरकारी कर्मचारियों को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हालात जानने के लिए हेलीकॉप्टर से भेजा जा रहा है।