मदकोट (पिथौरागढ़)। मंदाकिनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के टनल में मलबा और पानी भरने से मदकोट कस्बे के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। पानी एक साथ निकला तो तबाही का मंजर कुछ और होगा।
मदकोट से तीन किमी ऊपर पहाड़ी में मंदाकिनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का 450 मीटर लंबे टनल में मुहाने तक मलबा भर गया है। टनल के एक छोर से पानी बह रहा है। मंगलवार को अमर उजाला की टीम टनल तक पहुंची। टनल के भीतर दो मीटर आगे बढ़ने पर गले गले तक पानी भरा हुआ है। अधिक बारिश हुई और टनल का पानी एक साथ निकला को इसके ठीक नीचे स्थित पहले से ही आपदा की जबरदस्त मार झेल रहे मदकोट का भारी नुकसान होगा।
पावर प्रोजेक्ट का काम पिछले चार साल से बंद पड़ा हुआ है। टनल की सुध लेने वाला कोई नहीं है। टनल में पानी जमा होने से लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि मदकोट आपदा से पहले ही तबाह हो गया है। टनल का पानी एक साथ कस्बेे पर गिरा तो स्थिति भयावह होगी। जानमाल का भी नुकसान हो सकता है।
मदकोट (पिथौरागढ़)। मंदाकिनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के टनल में मलबा और पानी भरने से मदकोट कस्बे के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। पानी एक साथ निकला तो तबाही का मंजर कुछ और होगा।
मदकोट से तीन किमी ऊपर पहाड़ी में मंदाकिनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का 450 मीटर लंबे टनल में मुहाने तक मलबा भर गया है। टनल के एक छोर से पानी बह रहा है। मंगलवार को अमर उजाला की टीम टनल तक पहुंची। टनल के भीतर दो मीटर आगे बढ़ने पर गले गले तक पानी भरा हुआ है। अधिक बारिश हुई और टनल का पानी एक साथ निकला को इसके ठीक नीचे स्थित पहले से ही आपदा की जबरदस्त मार झेल रहे मदकोट का भारी नुकसान होगा।
पावर प्रोजेक्ट का काम पिछले चार साल से बंद पड़ा हुआ है। टनल की सुध लेने वाला कोई नहीं है। टनल में पानी जमा होने से लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि मदकोट आपदा से पहले ही तबाह हो गया है। टनल का पानी एक साथ कस्बेे पर गिरा तो स्थिति भयावह होगी। जानमाल का भी नुकसान हो सकता है।