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पिथौरागढ़। नेपाल और चीन से लगा ये सीमांत जिला संवेदनशील भी है और आपदा के लिहाज से खतरनाक भी। धारचूला का सड़क संपर्क तीन सप्ताह से कटा है। टापू बने धारचूला में आपदा के बाद राहत के काम में भी सबसे बड़ी चुनौती यही है। दरअसल एनएच की इस इकलौती सड़क ने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा किया है।
टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग में बलुवाकोट से धारचूला को जाने वाली सड़क 17 जून से बंद है। जबर्दस्त बारिश ने यहां रोड को कई जगहों पर काली नदी में बहा दिया। ग्रिफ के अपर महानिदेशक ने भी इलाके का दौरा कर जल्द वैकल्पिक रूट बनाने की बात कही थी। पर रविवार को 21 दिन पूरे होने के बाद भी सड़क मार्ग से आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है। अभी भी धारचूला जाने के लिए कालका बैंड से करीब 7 किमी पैदल जाना पड़ रहा है। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक नबियाल का कहना है कि आपदा की सबसे ज्यादा मार झेल रहे धारचूला तहसील का रोड संपर्क नहीं होने का सीधा खामियाजा राहत के काम पर पड़ा है।
ग्रिफ का कहना है कि गोठी के पास पूरी सड़क बह गई है। और यहां की चट्टान हार्ड होने से कटिंग में वक्त लग रहा है। मंडलायुक्त आरके सुधांशु का कहना है कि हर हाल में 10 जून तक रोड खोलने के लिए काम में तेजी लाने की हिदायत दी गई है। पर स्थानीय नागरिकों की माने, तो फिलहाल रोड को खुलने में एक सप्ताह से अधिक लग सकता है।
पिथौरागढ़। नेपाल और चीन से लगा ये सीमांत जिला संवेदनशील भी है और आपदा के लिहाज से खतरनाक भी। धारचूला का सड़क संपर्क तीन सप्ताह से कटा है। टापू बने धारचूला में आपदा के बाद राहत के काम में भी सबसे बड़ी चुनौती यही है। दरअसल एनएच की इस इकलौती सड़क ने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा किया है।
टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग में बलुवाकोट से धारचूला को जाने वाली सड़क 17 जून से बंद है। जबर्दस्त बारिश ने यहां रोड को कई जगहों पर काली नदी में बहा दिया। ग्रिफ के अपर महानिदेशक ने भी इलाके का दौरा कर जल्द वैकल्पिक रूट बनाने की बात कही थी। पर रविवार को 21 दिन पूरे होने के बाद भी सड़क मार्ग से आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है। अभी भी धारचूला जाने के लिए कालका बैंड से करीब 7 किमी पैदल जाना पड़ रहा है। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक नबियाल का कहना है कि आपदा की सबसे ज्यादा मार झेल रहे धारचूला तहसील का रोड संपर्क नहीं होने का सीधा खामियाजा राहत के काम पर पड़ा है।
ग्रिफ का कहना है कि गोठी के पास पूरी सड़क बह गई है। और यहां की चट्टान हार्ड होने से कटिंग में वक्त लग रहा है। मंडलायुक्त आरके सुधांशु का कहना है कि हर हाल में 10 जून तक रोड खोलने के लिए काम में तेजी लाने की हिदायत दी गई है। पर स्थानीय नागरिकों की माने, तो फिलहाल रोड को खुलने में एक सप्ताह से अधिक लग सकता है।