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पिथौरागढ़। विण विकासखंड के ग्राम पंचायत तोली के बेतखोली गांव निवासी दोनों बच्चों को पिथौरागढ़ निखिलेश्वर चिल्ड्रन एकेडमी के रूप में खेवनहार मिल गया है। एकेडमी ने बच्चों की पढ़ाई के साथ ही उनके पालन, पोषण की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया है।
अमर उजाला ने 25 जनवरी के अंक में ‘मुझे किस गुनाह की सजा दे रहा है भगवान’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। आज से 30 साल पहले बेतखोली निवासी गंगा सिंह रावल (86) का एकलौता पुत्र शमशेर डेढ़ साल का था तो पत्नी उर्मिला देवी की मृत्यु हो गई। गंगा सिंह ने तमाम परेशानियां उठाते हुए शमशेर को पाला। उसकी शादी की। शमशेर के दो लड़के संदीप (8) और भगवान (6) हुए। 20 सितंबर 2011 को शमशेर की हत्या हो गई। शमशेर की पत्नी हेमा और उसके प्रेमी द्वारा शमशेर की हत्या करने की बात सामने आई। पुलिस ने दोनों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया लेकिन कमाऊ पूत की हत्या और बहू के जेल जाने से गंगा सिंह पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। दोनों पोतों के लालन पालन की समस्या खड़ी हो गई।
अमर उजाला में खबर पढ़कर शनिवार को एकेडमी के संरक्षक एलएस महरा, प्रबंधक ललित सिंह महरा, सामाजिक कार्यकर्ता महेश बराल के साथ जिला मुख्यालय से 11किमी की दूरी पर स्थित बेतखोली पहुंचे। जहां उन्होंने गांव वालों की मौजूदगी में गंगा सिंह के सामने दोनों पोतों की पढ़ाई और लालन, पालन का प्रस्ताव रखा। जिसे गंगा सिंह ने स्वीकार कर लिया। तोली की ग्राम प्रधान अंजना मेहता ने बताया कि सोमवार को एसडीएम कोर्ट में संदीप और भगवान को एकेडमी को सौंपने की कार्यवाही संपन्न की जाएगी। सभी अमर उजाला की पहल की सराहना कर रहे थे। इस मौके पर बेतखोली के जितेंद्र रावल, जमन सिंह सामंत, महेंद्र रावल, हयात सिंह रावल, राम सिंह रावल टालागांव के मोहन चंद्र जोशी मौजूद थे।
पिथौरागढ़। विण विकासखंड के ग्राम पंचायत तोली के बेतखोली गांव निवासी दोनों बच्चों को पिथौरागढ़ निखिलेश्वर चिल्ड्रन एकेडमी के रूप में खेवनहार मिल गया है। एकेडमी ने बच्चों की पढ़ाई के साथ ही उनके पालन, पोषण की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया है।
अमर उजाला ने 25 जनवरी के अंक में ‘मुझे किस गुनाह की सजा दे रहा है भगवान’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। आज से 30 साल पहले बेतखोली निवासी गंगा सिंह रावल (86) का एकलौता पुत्र शमशेर डेढ़ साल का था तो पत्नी उर्मिला देवी की मृत्यु हो गई। गंगा सिंह ने तमाम परेशानियां उठाते हुए शमशेर को पाला। उसकी शादी की। शमशेर के दो लड़के संदीप (8) और भगवान (6) हुए। 20 सितंबर 2011 को शमशेर की हत्या हो गई। शमशेर की पत्नी हेमा और उसके प्रेमी द्वारा शमशेर की हत्या करने की बात सामने आई। पुलिस ने दोनों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया लेकिन कमाऊ पूत की हत्या और बहू के जेल जाने से गंगा सिंह पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। दोनों पोतों के लालन पालन की समस्या खड़ी हो गई।
अमर उजाला में खबर पढ़कर शनिवार को एकेडमी के संरक्षक एलएस महरा, प्रबंधक ललित सिंह महरा, सामाजिक कार्यकर्ता महेश बराल के साथ जिला मुख्यालय से 11किमी की दूरी पर स्थित बेतखोली पहुंचे। जहां उन्होंने गांव वालों की मौजूदगी में गंगा सिंह के सामने दोनों पोतों की पढ़ाई और लालन, पालन का प्रस्ताव रखा। जिसे गंगा सिंह ने स्वीकार कर लिया। तोली की ग्राम प्रधान अंजना मेहता ने बताया कि सोमवार को एसडीएम कोर्ट में संदीप और भगवान को एकेडमी को सौंपने की कार्यवाही संपन्न की जाएगी। सभी अमर उजाला की पहल की सराहना कर रहे थे। इस मौके पर बेतखोली के जितेंद्र रावल, जमन सिंह सामंत, महेंद्र रावल, हयात सिंह रावल, राम सिंह रावल टालागांव के मोहन चंद्र जोशी मौजूद थे।