डीडीहाट। भड़गांव के ग्रामीणों के चेहरों में अब चमक है। उनका समर्पण अब असर दिखाने लगा है। अवैध कटान को रोकने के लिए भगवती को समर्पित जंगलों में अब हरियाली नजर आ रही है। यहां के लोग अपने जंगल से घास तक नहीं काटते। घास के लिए वे आठ किलोमीटर दूर के जंगल में जाते हैं। आसपास के लोग भी इसी राह पर चलने लगे हैं।
डीडीहाट से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भड़गांव का नाम पहले पेड़ों के अवैध कटान के लिए कुख्यात था। पर अब भड़गांव में जंगलों में भगवती के आशीर्वाद से दोबारा हरियाली दिखने लगी है। 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले वन पंचायत में अब अनेक प्रजातियों के वृक्ष फल-फूल रहे हैं। युवक मंगल दल के अध्यक्ष मनोहर सिंह भड़ का कहना है कि 2006 में जब ग्रामीणों ने जंगल को भगवती को समर्पित किया था, तब यहां पर पेड़ों की संख्या बहुत कम थी। इन छह सालों में यहां पेड़ों की संख्या तीन गुनी हो गई है। इस वक्त यहां करीब 37 हजार पेड़ हैं।
ग्रामीणों ने 2016 तक इस जंगल से किसी भी प्रकार की वनस्पति का दोहन न करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प के अनुरूप वे इस जंगल की एक भी पत्ती का उपयोग नहीं कर रहे हैं। घास काटने के लिए भी ग्रामीण आठ से दस किलोमीटर दूर जाते हैं। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए इस प्रयास की दूरदराज में भी प्रशंसा हो रही है। वन क्षेत्राधिकारी केएस खाती का कहना है कि इस पहल से लोगों को प्रेरणा मिली है। उनका कहना है कि इस जंगल के विकास से दूसरे इलाकों को सीख देने के लिए कार्ययोजना बनाकर मुख्यालय भेजी जाएगी।