पिथौरागढ़। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विजय राघव पंत ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस को आधुनिक तकनीक से लैस करने की पहल की जा रही है। इसके लिए भारत सरकार को 21 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सूबे के दो प्रमुख पर्यटन केंद्र मसूरी एवं नैनीताल में सुरक्षा के मद्देनजर क्लोज सर्किट कैमरे (सीसीटीवी) लगाए जाएंगे। नेपाल सीमा से लगे इलाकों की हिफाजत के लिए और कड़े कदम उठाने की बात भी कही गई।
पत्रकार वार्ता से पूर्व उन्होंने दो माह पूर्व अस्तित्व में आए पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय का मुआयना किया। डीआईजी कार्यालय भवन से लेकर कैंप कार्यालय भवन तक के हालात का जायजा भी लिया। पुलिस उप महानिरीक्षक गणेश सिंह मर्तोलिया ने नवगठित रेंज के पुलिस कार्यों की जानकारी दी। रेंज के पुलिस अधीक्षकों की बैठक में डीजी पंत ने पुलिस की छवि को निखारने के लिए अपराध से सख्ती के साथ निपटने तथा आम नागरिकों से दोस्ताना व्यवहार करने के निर्देश दिए।
पर्वतीय क्षेत्र में पुलिस की भूमिका मैदान से अलग है। पहाड़ी क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिस की अवधारणा को विकसित करने पर जोर दिया। तस्करी रोकने के लिए राजस्व, वन एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टास्क फोर्स गठित करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। डीजी ने कहा कि पहाड़ों में कानून-व्यवस्था की चुनौती कम है, लेकिन भौगोलिक हालातों के चलते यहां दैवीय आपदा में राहत पहुंचना उसके लिए तगड़ी चुनौती होगी। इस मौके पर चंपावत के पुलिस अधीक्षक एसए कृष्णराज, बागेश्वर के निविदेता कुकरेती, अल्मोड़ा के एसपी सुनील कुमार मीणा के अलावा पुलिस क्षेत्राधिकारी अमित श्रीवास्तव मौजूद थे।