पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
श्रीनगर। पंतजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने यहां पहुंचकर गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलपति से मुलाकात की। इस दौरान कुलपति प्रो. एसके सिंह और आचार्य बालकृष्ण के बीच दिव्य योग ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित हो रहे बीएएमएस सत्र 2011-12 के 19 छात्रों का स्थानांतरण के मामले पर बातचीत हुई। इन छात्रों का स्थानांतरण गढ़वाल केंद्रीय विवि के आयुर्वेदिक कॉलेजों में कराने की पेशकश की गई है। इस सत्र में बीएएमएस पाठ्यक्रम की मान्यता के मामले में कोर्ट के निर्णय पर इन छात्रों का स्थानांतरण कराया जाना आवश्यक बताया जा रहा है।
पंतजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे के करीब गढ़वाल विवि पहुंचे। इस दौरान उनकी कुलपति से दिव्य योग ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित हो रहे बीएएमएस प्रथम सत्र 2011-12 के 19 छात्रों को गढ़वाल विवि से संबद्ध आयुर्वेदिक कॉलेजों में स्थानांतरण पर चरचा हुई। आचार्य बालकृष्ण ने विवि के कुलपति को अवगत कराया कि कोर्ट के निर्देशों के तहत दिव्य योगपीठ को इन 19 छात्रों का स्थानांतरण कराना आवश्यक है। उन्हाेंने कहा कि गढ़वाल विवि से संबद्ध आयुर्वेदिक कॉलेजों में उक्त पाठ्यक्रम संचालित होने के चलते स्थानांतरण में किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं आएंगी। इसके लिए उन्होंने गढ़वाल विवि से सकारात्मक पहल की उम्मीद जताई।
कोट-
आचार्य बालकृष्ण ने दिव्य योगपीठ के बीएएमएस प्रथम सत्र 2011-12 के 19 छात्रों को गढ़वाल केंद्रीय विवि के आयुर्वेदिक कॉलेजों में स्थानांतरण की पेशकश की है। इस संदर्भ में शासन और आयुर्वेदिक कॉलेजों से बातचीत कर सकारात्मक निर्णय लिए जाने का प्रयास किया जाएगा।-प्रो. एसके सिंह, कुलपति, गढ़वाल विवि।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश
हरिद्वार। पतंजलि योग पीठ के महामंत्री तथा पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पिछले साल वाले छात्रों को अन्य आयुर्वेद महाविद्यालयों में स्थानांतरित करने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय की मान्यता को लेकर एक प्रकरण न्यायालय में गया था। उसी प्रकरण पर उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि पिछले वर्ष जिन छात्रों को प्रवेश दिया गया था, उन्हें उत्तराखंड के अन्य किसी आयुर्वेद महाविद्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाए। फलस्वरूप आज वे गढ़वाल विवि के कुलपति से वार्ता करने के लिए श्रीनगर गए थे और अपने 19 छात्रों को प्रवेश देने का आग्रह किया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि इस वर्ष से पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय को पूर्ण मान्यता मिल गई है।
श्रीनगर। पंतजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने यहां पहुंचकर गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलपति से मुलाकात की। इस दौरान कुलपति प्रो. एसके सिंह और आचार्य बालकृष्ण के बीच दिव्य योग ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित हो रहे बीएएमएस सत्र 2011-12 के 19 छात्रों का स्थानांतरण के मामले पर बातचीत हुई। इन छात्रों का स्थानांतरण गढ़वाल केंद्रीय विवि के आयुर्वेदिक कॉलेजों में कराने की पेशकश की गई है। इस सत्र में बीएएमएस पाठ्यक्रम की मान्यता के मामले में कोर्ट के निर्णय पर इन छात्रों का स्थानांतरण कराया जाना आवश्यक बताया जा रहा है।
पंतजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे के करीब गढ़वाल विवि पहुंचे। इस दौरान उनकी कुलपति से दिव्य योग ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित हो रहे बीएएमएस प्रथम सत्र 2011-12 के 19 छात्रों को गढ़वाल विवि से संबद्ध आयुर्वेदिक कॉलेजों में स्थानांतरण पर चरचा हुई। आचार्य बालकृष्ण ने विवि के कुलपति को अवगत कराया कि कोर्ट के निर्देशों के तहत दिव्य योगपीठ को इन 19 छात्रों का स्थानांतरण कराना आवश्यक है। उन्हाेंने कहा कि गढ़वाल विवि से संबद्ध आयुर्वेदिक कॉलेजों में उक्त पाठ्यक्रम संचालित होने के चलते स्थानांतरण में किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं आएंगी। इसके लिए उन्होंने गढ़वाल विवि से सकारात्मक पहल की उम्मीद जताई।
कोट-
आचार्य बालकृष्ण ने दिव्य योगपीठ के बीएएमएस प्रथम सत्र 2011-12 के 19 छात्रों को गढ़वाल केंद्रीय विवि के आयुर्वेदिक कॉलेजों में स्थानांतरण की पेशकश की है। इस संदर्भ में शासन और आयुर्वेदिक कॉलेजों से बातचीत कर सकारात्मक निर्णय लिए जाने का प्रयास किया जाएगा।-प्रो. एसके सिंह, कुलपति, गढ़वाल विवि।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश
हरिद्वार। पतंजलि योग पीठ के महामंत्री तथा पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पिछले साल वाले छात्रों को अन्य आयुर्वेद महाविद्यालयों में स्थानांतरित करने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय की मान्यता को लेकर एक प्रकरण न्यायालय में गया था। उसी प्रकरण पर उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि पिछले वर्ष जिन छात्रों को प्रवेश दिया गया था, उन्हें उत्तराखंड के अन्य किसी आयुर्वेद महाविद्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाए। फलस्वरूप आज वे गढ़वाल विवि के कुलपति से वार्ता करने के लिए श्रीनगर गए थे और अपने 19 छात्रों को प्रवेश देने का आग्रह किया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि इस वर्ष से पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय को पूर्ण मान्यता मिल गई है।