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कोटद्वार। सड़कों पर दिनभर बहता सीवर का पानी, बदबू और आए दिन बीमार होते लोग, ये स्थिति है गोविंदनगर के वार्ड न. छह की। यहां चालीस साल पुरानी सीवर लाइनें अब जवाब दे चुकी हैं और सारी गंदगी सड़कों पर बह रही है। यहां के लोग अब मोहल्ले को गंद नगर बुलाने लगे हैं। लोगों ने समस्या समाधान को लेकर पालिका, जलसंस्थान और यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री से भी गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन और कामचलाऊ व्यवस्था के अलावा कुछ नहीं मिला। लोगों ने अब आंदोलन का मन बनाया है।
गोविंद नगर में चालीस साल पहले जब सीवर लाइनें बिछाई गई थीं तब क्षेत्र की आबादी बहुत कम थी, लेकिन आज इन पुराने सीवरों पर चार गुना हो चुकी जनसंख्या का दबाव आ गया है। स्थिति यह है कि गोविंदनगर के वार्ड न. छह में गुरुद्वारे से लेकर गीता मंदिर तक हर जगह सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है। गंदगी और बदबू से लोग परेशान हो गए हैं। इसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है और लोग बीमार हो रहे हैं। आश्वासन से निराश हो चुके लोग अब आंदोलन करने के मूड में हैं। लोगों ने तय किया कि अगर जल्द ही इस समस्या का ठोस समाधान नहीं किया जाता तो वे पालिका से लेकर जलसंस्थान तक प्रदर्शन करेंगे।
इंसेट
क्या कहती है जनता
- सड़कों पर हर वक्त सीवर का पानी बहता है, पालिका से लेकर जल संस्थान हर विभाग से गुहार लगाई ली पर कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री के नगर में ही लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। - विक्की गोयल।
- सीवर का गंदा पानी घरों तक घुस जाता है, लेकिन विभाग और जनप्रतिनिधियों ने आंखें बंद कर रखी हैं। स्थिति जल्द न सुधरी तो हमें आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। - सुमन अग्रवाल।
- सीवर के गंदे पानी से कई लोग बीमार हो गए हैं। अगर जल्द समस्या नहीं सुलझी तो पालिका चुनावों का बहिष्कार कर आंदोलन किया जाएगा। - संजय भाटिया।
कर्मचारी भेजे हैं
- सीवर की समस्या हमारे संज्ञान में है और इसे ठीक करने के लिए कर्मचारी भी भेज दिए गए हैं। वहीं नालियों में कूड़ा डालने से भी सीवर लाइनें चोक हो जाती हैं। लोगों को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि घर का कूड़ा और मकान निर्माण की रेत बजरी नालियों और सीवर में न डालें। - एसएस मेवाड़, अधिशासी अभियंता, जलसंस्थान कोटद्वार।
कोटद्वार। सड़कों पर दिनभर बहता सीवर का पानी, बदबू और आए दिन बीमार होते लोग, ये स्थिति है गोविंदनगर के वार्ड न. छह की। यहां चालीस साल पुरानी सीवर लाइनें अब जवाब दे चुकी हैं और सारी गंदगी सड़कों पर बह रही है। यहां के लोग अब मोहल्ले को गंद नगर बुलाने लगे हैं। लोगों ने समस्या समाधान को लेकर पालिका, जलसंस्थान और यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री से भी गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन और कामचलाऊ व्यवस्था के अलावा कुछ नहीं मिला। लोगों ने अब आंदोलन का मन बनाया है।
गोविंद नगर में चालीस साल पहले जब सीवर लाइनें बिछाई गई थीं तब क्षेत्र की आबादी बहुत कम थी, लेकिन आज इन पुराने सीवरों पर चार गुना हो चुकी जनसंख्या का दबाव आ गया है। स्थिति यह है कि गोविंदनगर के वार्ड न. छह में गुरुद्वारे से लेकर गीता मंदिर तक हर जगह सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है। गंदगी और बदबू से लोग परेशान हो गए हैं। इसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है और लोग बीमार हो रहे हैं। आश्वासन से निराश हो चुके लोग अब आंदोलन करने के मूड में हैं। लोगों ने तय किया कि अगर जल्द ही इस समस्या का ठोस समाधान नहीं किया जाता तो वे पालिका से लेकर जलसंस्थान तक प्रदर्शन करेंगे।
इंसेट
क्या कहती है जनता
- सड़कों पर हर वक्त सीवर का पानी बहता है, पालिका से लेकर जल संस्थान हर विभाग से गुहार लगाई ली पर कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री के नगर में ही लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। - विक्की गोयल।
- सीवर का गंदा पानी घरों तक घुस जाता है, लेकिन विभाग और जनप्रतिनिधियों ने आंखें बंद कर रखी हैं। स्थिति जल्द न सुधरी तो हमें आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। - सुमन अग्रवाल।
- सीवर के गंदे पानी से कई लोग बीमार हो गए हैं। अगर जल्द समस्या नहीं सुलझी तो पालिका चुनावों का बहिष्कार कर आंदोलन किया जाएगा। - संजय भाटिया।
कर्मचारी भेजे हैं
- सीवर की समस्या हमारे संज्ञान में है और इसे ठीक करने के लिए कर्मचारी भी भेज दिए गए हैं। वहीं नालियों में कूड़ा डालने से भी सीवर लाइनें चोक हो जाती हैं। लोगों को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि घर का कूड़ा और मकान निर्माण की रेत बजरी नालियों और सीवर में न डालें। - एसएस मेवाड़, अधिशासी अभियंता, जलसंस्थान कोटद्वार।