हल्द्वानी। अब वाहन स्वामी जरूरत होने पर छह महीने से अधिक समय के लिए वाहन को सरेंडर करा सकेंगे। इस संबंध में उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार (संशोधन) नियमावली-2022 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। साथ ही यह भी राहत दी गई है कि अब सीधे छह महीने के लिए वाहन को सरेंडर किया जा सकेगा जबकि अब तक तीन-तीन महीने में सरेंडर संबंधी प्रक्रिया को पूरा करना होता था।
जिले में गौला, नंधौर, कोसी और दाबका नदी में खनन होता है। खनन सत्र मई में बंद हो जाता है। खनन बंद होने पर करीब 12 हजार वाहनों को परिवहन कार्यालय के माध्यम से सरेंडर कर दिया जाता है। ऐसे में वाहन स्वामी को संबंधित अवधि का टैक्स नहीं देना पड़ता है। यह व्यवस्था छह महीने के लिए ही थी। वाहन स्वामी काफी समय से इस अवधि को बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
इस संबंध में शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। छह महीने तक की सरेंडर अवधि आरटीओ कार्यालय से बढ़ जाएगी। इसके बाद अगर कोई वाहन स्वामी छह महीने से अधिक की सरेंडर अवधि बढ़वाना चाहता है, तो उसका फैसला परिवहन आयुक्त द्वारा नामित उप परिवहन आयुक्त (परिवहन मुख्यालय) स्तर से लिया जाएगा। नामित अधिकार दस्तावेज देखने के बाद फैसला लेंगे।
-------
कई औपचारिकताएं पूरी करनी होती थीं
हल्द्वानी। वाहन स्वामी को वाहन सरेंडर कराने के लिए कई औपचारिकताओं को पूरी कराना होता था। इसकी फीस मैन्युअल जमा होती थी। फिर तय पटल पर रिपोर्ट लगती थी। फिर प्रकरण एआरटीओ के पास जाता था, इसके बाद सरेंडर की प्रक्रिया पूरी होती थी। रि-सरेंडर में भी प्रक्रिया से गुजरना होता था, अब छह महीने के लिए सरेंडर होने पर कुछ राहत रहेगी।
--------------
गौला में शुरू नहीं हुआ खनन
हल्द्वानी। पिछले साल नवंबर में खनन शुरू हो गया था पर मौजूदा समय में जो हालात हैं उसमें खनन जल्द शुरू होने के आसार कम लग रहे हैं। गौला नदी में करीब 7500 वाहन पंजीकृत हैं, इनमें पंजीकरण नवीनीकरण के लिए केवल 195 लोगों ने फार्म खरीदे हैं। डंपर स्वामी लंबे समय से एक प्रदेश एक रायल्टी की मांग कर रहे हैं। गौला खनन संघर्ष समिति के अध्यक्ष पम्मी सैफी का कहना है कि रायल्टी को लेकर विसंगति दूर होनी चाहिए। मांग पूरी होने तक डंपर स्वामी खनिज निकासी नहीं करेंगे। अगर खनिज निकासी का प्रयास होगा तो उसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध होगा। वन विकास निगम के डीएलएम वाईके श्रीवास्तव का कहना है कि निगम की तरफ से तैयारियां पूरी हैं, लेकिन डंपर स्वामी वाहन पंजीकरण के नवीनीकरण की प्रक्रिया को पूरा कराने नहीं आ रहे हैं।
=--
उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार नियमावली लागू
- कर वसूली को लेकर कई नियम बदले
संवाद न्यूज एजेंसी
हल्द्वानी। शासन ने उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार नियमावली-2022 लागू कर दी है जिसमें पिछली नियमावली में कुछ संशोधन किए गए हैं।
सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की ओर से जारी निर्देश के अनुसार किए गए संशोधन के तहत अब संभागीय परिवहन अधिकारी भी अपने संभाग में कराधान अधिकारी होगा। इसी तरह वाहन की नीलामी एक समिति की ओर से की जाएगी जिसमें संभाग का वरिष्ठतम संभागीय परिवहन अधिकारी अध्यक्ष होगा। साथ ही ऑनलाइन कर जमा करने की सुविधा भी शामिल की गई है।
इसके अलावा कराधान अधिकारी किसी भी वाहन के अनुपयोग की सूचना को एक कैलेंडर वर्ष में एक समय में छह कैलेंडर माह से अधिक समय के लिए स्वीकृत नहीं करेगा। कराधान अधिकारी किसी अन्य अधिकारी के माध्यम से वाहन का निरीक्षण कर सकता है।