हल्द्वानी। मौसम विज्ञान विभाग ने अपना 146 वां स्थापना दिवस मनाया। केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मुक्तेश्वर और कुफरी हिमाचल प्रदेश में डॉप्लर मौसम रडार का उद्घाटन ऑनलाइन किया। इस दौरान उत्तराखंड और हिमाचल के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मौसम के पूर्वानुमान के लिए चार प्रकार की प्रणालियों तथा सतही प्रेक्षण, ऊपरी वायु प्रेक्षण, रडार प्रेक्षण एवं अंतरिक्ष आधारित प्रेक्षण का उपयोग करता है। अंतरिक्ष आधारित प्रेक्षण इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मौसम विभाग अपने मध्य और उत्तरी हिमालय क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर चरणबद्ध तरीके से एक्स-बैंड डॉप्लर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) स्थापित कर रहा है। मुक्तेश्वर और कुफरी में रडार लगने से उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मध्य और पूर्वी क्षेत्र में 100 किलोमीटर की रेंज के अंतर्गत मौसमी घटनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
डॉप्लर मौसम रडार से यह होगा फायदा
- मौसम के लिए स्थान विशेष पूर्वानुमान (0.5 से 3घंटे) प्रदान करने में डॉप्लर मौसम रडार लाभकारी होगा।
- वर्षा के बेहतर अनुमान के साथ भारी वर्षा का पता लगाना और चेतावनी जारी करना
- बेहतर मौसम पूर्वानुमान करने के लिए संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल के लिए अतिरिक्त डाटा।
- डॉप्लर मौसम रडार क्षेत्र विशिष्ट के लिए वर्षा और तूफान की जानकारी मिल सकेगी, जो आपदा प्रबंधन, विमानन संबंधित सेवाओं एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया प्राधिकारी के लिए लाभदायक हैं।
- अन्य संवेदकों जैसे उपग्रहों के डेटा के साथ मिलकर यह बेहतर पूर्वानुमानों और चेतावनियों को तैयार करने में सहायक होगा, जिससे कि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता है। इस प्रकार सार्वजनिक सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक लाभ की दिशा में बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
हल्द्वानी। मौसम विज्ञान विभाग ने अपना 146 वां स्थापना दिवस मनाया। केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मुक्तेश्वर और कुफरी हिमाचल प्रदेश में डॉप्लर मौसम रडार का उद्घाटन ऑनलाइन किया। इस दौरान उत्तराखंड और हिमाचल के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मौसम के पूर्वानुमान के लिए चार प्रकार की प्रणालियों तथा सतही प्रेक्षण, ऊपरी वायु प्रेक्षण, रडार प्रेक्षण एवं अंतरिक्ष आधारित प्रेक्षण का उपयोग करता है। अंतरिक्ष आधारित प्रेक्षण इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मौसम विभाग अपने मध्य और उत्तरी हिमालय क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर चरणबद्ध तरीके से एक्स-बैंड डॉप्लर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) स्थापित कर रहा है। मुक्तेश्वर और कुफरी में रडार लगने से उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मध्य और पूर्वी क्षेत्र में 100 किलोमीटर की रेंज के अंतर्गत मौसमी घटनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
डॉप्लर मौसम रडार से यह होगा फायदा
- मौसम के लिए स्थान विशेष पूर्वानुमान (0.5 से 3घंटे) प्रदान करने में डॉप्लर मौसम रडार लाभकारी होगा।
- वर्षा के बेहतर अनुमान के साथ भारी वर्षा का पता लगाना और चेतावनी जारी करना
- बेहतर मौसम पूर्वानुमान करने के लिए संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल के लिए अतिरिक्त डाटा।
- डॉप्लर मौसम रडार क्षेत्र विशिष्ट के लिए वर्षा और तूफान की जानकारी मिल सकेगी, जो आपदा प्रबंधन, विमानन संबंधित सेवाओं एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया प्राधिकारी के लिए लाभदायक हैं।
- अन्य संवेदकों जैसे उपग्रहों के डेटा के साथ मिलकर यह बेहतर पूर्वानुमानों और चेतावनियों को तैयार करने में सहायक होगा, जिससे कि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता है। इस प्रकार सार्वजनिक सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक लाभ की दिशा में बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।