रामनगर। महाविद्यालयों, कैंपसों में होने वाले छात्रसंघ चुनावों में अवैध मत करने वालों की तादात अच्छी खासी है। जो कालेज प्रशासन के लिए एक सोचनीय विषय है।
नगरनिगम, पालिका, विधायक, सांसद, प्रधानी के चुनावों में अवैध मत पड़ना समझ में आसानी से आ सकता है, लेकिन उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी ऐसी गलती करें तो बात कुछ अटपटी लगने के साथ कालेज प्रशासन पर भी अंगुली उठना लाजमी है। हर बार अवैध मतों के साथ विद्यार्थी को छात्रसंघ में कैसे मतदान किया जाता है, कैसे आपका वोट अवैध और वैध घोषित होगा से लेकर हर साल कालेज प्रशासन को एक कार्यशाला करने की जरूरत महसूस होने लगी है। ताकि शिक्षित अभ्यर्थी तो अपना मत सही से दे सके। हर कैंपस और महाविद्यालयों में हर छात्रसंघ चुनाव में ये आंकड़ा देखने को मिलता है।
सोमवार को हुए छात्रसंघ चुनाव में 2689 विद्यार्थियों ने सात पदों पर अपने मत का प्रयोग किया। इसमें 163 विद्यार्थी ने अवैध मत डाल पूर्ण उचित शिक्षित होने पर ही सवालिया निशान लगा दिया। यहां अध्यक्ष पद पर 22 मत, छात्र उपाध्यक्ष में 50, छात्रा उपाध्यक्ष में 9, सचिव पद पर 28, संयुक्त सचिव पद पर 17, कोषाध्यक्ष पद पर 27 तो विश्वविद्यालय प्रतिनिधि को 10 मत अवैध पड़े।
इस बाबत मुख्य चुनाव अधिकारी डा. संजय कुमार का मानना है कि इसके लिए हर वर्ष एक कार्यशाला का आयोजन करने की जरूरत महसूस होने लगी है।
रामनगर। महाविद्यालयों, कैंपसों में होने वाले छात्रसंघ चुनावों में अवैध मत करने वालों की तादात अच्छी खासी है। जो कालेज प्रशासन के लिए एक सोचनीय विषय है।
नगरनिगम, पालिका, विधायक, सांसद, प्रधानी के चुनावों में अवैध मत पड़ना समझ में आसानी से आ सकता है, लेकिन उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी ऐसी गलती करें तो बात कुछ अटपटी लगने के साथ कालेज प्रशासन पर भी अंगुली उठना लाजमी है। हर बार अवैध मतों के साथ विद्यार्थी को छात्रसंघ में कैसे मतदान किया जाता है, कैसे आपका वोट अवैध और वैध घोषित होगा से लेकर हर साल कालेज प्रशासन को एक कार्यशाला करने की जरूरत महसूस होने लगी है। ताकि शिक्षित अभ्यर्थी तो अपना मत सही से दे सके। हर कैंपस और महाविद्यालयों में हर छात्रसंघ चुनाव में ये आंकड़ा देखने को मिलता है।
सोमवार को हुए छात्रसंघ चुनाव में 2689 विद्यार्थियों ने सात पदों पर अपने मत का प्रयोग किया। इसमें 163 विद्यार्थी ने अवैध मत डाल पूर्ण उचित शिक्षित होने पर ही सवालिया निशान लगा दिया। यहां अध्यक्ष पद पर 22 मत, छात्र उपाध्यक्ष में 50, छात्रा उपाध्यक्ष में 9, सचिव पद पर 28, संयुक्त सचिव पद पर 17, कोषाध्यक्ष पद पर 27 तो विश्वविद्यालय प्रतिनिधि को 10 मत अवैध पड़े।
इस बाबत मुख्य चुनाव अधिकारी डा. संजय कुमार का मानना है कि इसके लिए हर वर्ष एक कार्यशाला का आयोजन करने की जरूरत महसूस होने लगी है।