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हल्द्वानी। ओखलकांडा की रेवती देवी (45) गूंगी नहीं है। वह तो बहुत मीठा बोलती हैं। हां, कुछ दिन पहले उन पर जरूर आवाज जाने का खतरा मंडराने लगा था। ब्रेन ट्यूमर के कारण उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती किया गया। ट्यूमर दिमाग के उस हिस्से में था जहां से इंसान की जुबान नियंत्रित होती है। मेडिकल की भाषा में इसे स्पीच एरिया कहते हैं। आपरेशन करने वाले डाक्टरों का दावा है कि भारत में ऐसे आपरेशनों में 90 प्रतिशत लोगों की आवाज चली जाती है। यह बात रेवती को भी बता दी गई थी, लेकिन रेवती ने डाक्टरों पर विश्वास रखते हुए जुबान खोने का खतरा उठाया। इस विश्वास के दम पर ही रेवती दस प्रतिशत भाग्यशाली लोगों में शामिल हो गई।
आपरेशन करने वाले न्यूरो सर्जन अजय बजाज ने बताया कि सिर में दर्द और मिर्गी के दौरों की शिकायत पर रेवती को उनके पास लाया गया था। स्कैन करने पर पता चला कि रेवती के दिमाग के आगे वाले हिस्से स्पीच एरिया में ट्यूमर है। यह डॉक्टरों के लिए चिंता की बात थी क्योंकि ऐसे अधिकांश मामलों में मरीज की जिंदगी के साथ उसकी आवाज को बचाना बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए डाक्टरों ने रेवती को विश्वास में लिया और केस हिस्ट्री से जुड़ी सारी जानकारी दी। सर्जिकल विधि से आपरेशन किया गया और आज रेवती पूरी तरह स्वस्थ है। अब श्रीराम स्वामी अस्पताल में उनकी कीमोथैरेपी चल रही है। आपरेशन करने वाली टीम में डा. बजाज के साथ डा. तौकरी अहमद और डा. पंकज चतुर्वेदी भी थे।
हल्द्वानी। ओखलकांडा की रेवती देवी (45) गूंगी नहीं है। वह तो बहुत मीठा बोलती हैं। हां, कुछ दिन पहले उन पर जरूर आवाज जाने का खतरा मंडराने लगा था। ब्रेन ट्यूमर के कारण उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती किया गया। ट्यूमर दिमाग के उस हिस्से में था जहां से इंसान की जुबान नियंत्रित होती है। मेडिकल की भाषा में इसे स्पीच एरिया कहते हैं। आपरेशन करने वाले डाक्टरों का दावा है कि भारत में ऐसे आपरेशनों में 90 प्रतिशत लोगों की आवाज चली जाती है। यह बात रेवती को भी बता दी गई थी, लेकिन रेवती ने डाक्टरों पर विश्वास रखते हुए जुबान खोने का खतरा उठाया। इस विश्वास के दम पर ही रेवती दस प्रतिशत भाग्यशाली लोगों में शामिल हो गई।
आपरेशन करने वाले न्यूरो सर्जन अजय बजाज ने बताया कि सिर में दर्द और मिर्गी के दौरों की शिकायत पर रेवती को उनके पास लाया गया था। स्कैन करने पर पता चला कि रेवती के दिमाग के आगे वाले हिस्से स्पीच एरिया में ट्यूमर है। यह डॉक्टरों के लिए चिंता की बात थी क्योंकि ऐसे अधिकांश मामलों में मरीज की जिंदगी के साथ उसकी आवाज को बचाना बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए डाक्टरों ने रेवती को विश्वास में लिया और केस हिस्ट्री से जुड़ी सारी जानकारी दी। सर्जिकल विधि से आपरेशन किया गया और आज रेवती पूरी तरह स्वस्थ है। अब श्रीराम स्वामी अस्पताल में उनकी कीमोथैरेपी चल रही है। आपरेशन करने वाली टीम में डा. बजाज के साथ डा. तौकरी अहमद और डा. पंकज चतुर्वेदी भी थे।