राकेश शर्मा
हल्द्वानी। टिहरी के सीडीओ की तल्ख चिट्ठी से सचिवालय देहरादून से लेकर समाज कल्याण निदेशालय हल्द्वानी तक बवंडर मचा हुआ है। बवंडर में निदेशालय के एक-दो बाबू भी फंस गए हैं। बाबुओं पर टिहरी सीडीओ की एडीओ को निलंबित करने की संस्तुति की चिट्ठी अगस्त 2012 से दबाए रखने और निदेशक से छुपाने का भी आरोप है। बाबुओं के साथ निदेशालय के अफसर भी नौकरी सेफ करने में लगे हैं। चिट्ठी प्रकरण में बाबुओं से स्पष्टीकरण ले लिया गया है। मामला प्रमुख सचिव के दरबार में पहुंचने पर प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी है।
टिहरी के सीडीओ ने अगस्त-2012 में जिले के एडीओ रणवीर सिंह बर्तवाल को तत्काल निलंबित करने की संस्तुति की चिट्ठी निदेशालय भेजी थी, लेकिन चिट्ठी निदेशालय में दबा दी गई। वर्ष 2012 गुजर गया। वर्ष 2013 के भी छह माह गुजर गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। चिट्ठी पर निदेशालय के एडीओ को निलंबित नहीं किया गया तो सीडीओ ने दोबारा से प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) को चिट्ठी भेज दी, जो चिट्ठी प्रमुख सचिव को मिली, उसमें सीडीओ ने एक-एक बात लिखी और कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई। कुछ दिन पूर्व चिट्ठी पर बवंडर मचा तो निदेशालय में सीडीओ की चिट्ठी ढूंढी गई। चिट्ठी किसने रिसीव की, उच्चाधिकारियों के संज्ञान में क्यों नहीं आई आदि सवाल खड़े हो गए हैं। इसमें फंसे बाबुओं ने नौकरी बचाने के लिए टिहरी जिला समाज कल्याण अधिकारी से एडीओ के प्रकरण की आख्या मांगी है।
महीनों तक घर बैठे दी गई तनख्वाह
- सीडीओ ने जिस एडीओ को निलंबित की संस्तुति की थी वह कई माह तक छुट्टी पर रहे, लेकिन बगैर ड्यूटी पर आए एडीओ को घर बैठे तनख्वाह दी है। एक-दो माह पूर्व एडीओ ने समाज कल्याण मंत्री के मार्फत कीर्तिनगर मेें पोस्टिंग ली है। पूर्व में एडीओ प्रतापनगर में तैनात बताया गया है। मंत्री की चिट्ठी निदेशालय ना आकर सीधे टिहरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय पहुंची थी।
- सीडीओ की चिट्ठी निदेशालय पहुंची थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब चिट्ठी पर कार्रवाई की जा रही है। सहायक समाज कल्याण अधिकारी रणवीर के मामले में निदेशक ने भी पत्रावली तलब की है। पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच कराई जा रही हैं।
-एनके शर्मा, उप निदेशक समाज कल्याण