भीमताल। दूर दराज के जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे खाताधारकों को अब बैंकिंग सेवाएं प्राप्त करने के लिए शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। तीन माह बाद ग्रामीणों को उनके घर पर ही बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। केंद्र सरकार की वित्तीय समावेशन योजना के तहत यह संभव होगा। इसके लिए जिले के हर गांव में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में पहल शुरू कर दी गई है। ग्रामीणों को घर पर ही बेहतर बैंकिंग सेवाएं मिल सकें, इसके लिए ब्लाक स्तर पर क्लस्टर तैयार किए जा रहे हैं।
जिले के अधिकांश गांवों में बैंकिंग सुविधाएं न होने के कारण ग्रामीणों को बैंक खाते खुलवाने और पेंशन प्राप्त करने के लिए गांव से कोसों दूर कस्बों और नगरों में आना पड़ता है। ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए केंद्र सरकार ने वित्तीय समावेशन योजना शुरू की है। इसके तहत ग्रामीणों को उनके घर पर ही बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
लीड बैंक अधिकारी विपिन तिवारी ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए भीमताल, धारी, ओखलकांडा, रामगढ़, बेतालघाट, रामनगर, हल्द्वानी और कोटाबाग ब्लाक में 800 से 1000 तक की आबादी वाले गांवों को मिलाकर क्लस्टर तैयार किए जाएंगे। प्रत्येक क्लस्ट में गांवों की संख्या के आधार पर बैंक बिजनेस करेस्पॉडेंट (बीसी) नियुक्त करेंगे। संबंधित बीसी गांवों में डोर टू डोर जाकर लोगों के खाते खोलने के साथ-साथ खातों में पैसा जमा कराने, भुगतान उपलब्ध कराने व ऋण सुविधाओं का लाभ दिलाने का काम करेंगे।
पांच से सात क्लस्टरों के बीच एक अल्ट्रा स्माल ब्रांच (यूएसबी) खोली जाएगी, जहां कोर बैंकिंग सुविधा (सीबीएस) उपलब्ध होगी। गांवों के बिजनेस करेस्पॉटेंड यूएसबी में बैंकिंग डॉटा फीड करेंगे। संबंधित बैंकों के अधिकारी हफ्ते में एक दिन यूएसबी में बिजनेस करेस्पॉटेंड के साथ बैठक कर हफ्ते भर में फीड हुए हुए लेनदेन के डॉटा की जांच करेंगे। लीड बैंक अधिकारी तिवारी ने बताया कि जिले के प्रत्येक ब्लाक में क्लस्टर तैयार कर लिए गए हैं। इसके लिए बैंकों का चयन किया जाना अभी शेष है। इधर मुख्य विकास अधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने खंड विकास अधिकारियों व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। सितंबर 2012 से गांवों में यह योजना शुरू हो जाएगी।