नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय में नए रोजगारपरक प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों को खोलने की कवायद तेज हो गई है। विवि प्रशासन पहाड़ से बढ़ रहे पलायन को नियंत्रित करने के लिए उद्योगों की मौजूदा मांग को देखते हुए पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने में जुट गया है। वहीं पाठ्यक्रम के तैयार प्रारूप को संबंधित विषय की बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) से पास कराने के बाद पाठ्यक्रम को अकादमिक परिषद की चार जून को प्रस्तावित बैठक में रखा जाएगा।
कुमाऊं विवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. केएस राना कार्यभार ग्रहण करने के प्रथम दिन से ही विवि में नए रोजगारपरक विषयों को शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। प्रो. राना के निर्देशों पर शुक्रवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलसचिव डॉ. महेश कुमार की अध्यक्षता में प्रोफेशनल कोर्सों के समन्वयकों की बैठक हुई। इसमें नए पाठ्यक्रमों को संचालित करने पर मंथन किया गया। कृषि से जुड़े विषयों को संचालित करने पर विवि प्रशासन का विशेष फोकस है। इसके लिए अगल से संकाय स्थापित करने की भी कवायद की जा रही है। कुलसचिव डॉ. महेश कुमार ने बताया कि बीएससी एग्रीकल्चर, एमएससी हॉर्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर, फूड टेक्नोलॉजी को संचालित करना प्राथमिकता है। बताया कि पहाड़ के लिहाज से यह दोनों पाठ्यक्रम काफी लाभकारी सिद्ध होंगे। यहां के युवा इस क्षेत्र में नए शोध कर कृषि आधुनिक तकनीक को स्थापित करा पाएंगे। बताया कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में युवाओं का रुझान काफी अधिक देखा जा रहा है। रोजगार की भी कई संभावनाएं नजर आ रही हैं। इसे देखते हुए पांच वर्षीय पाठ्यक्रम को केरल के प्रतिष्ठित संस्थान के सहयोग से संचालित किया जाना प्रस्तावित है। बताया कि एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम को पुन: संचालित किया जाएगा। वहीं पर्यावरण विज्ञान के लिए अलग विभाग स्थापित होना भी प्रस्तावित है। बताया कि संबंधित विषयों के समन्वयकों को पाठ्यक्रम बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस मौके पर निदेशक शोध प्रो. राजीव उपाध्याय, प्रो. अजय अरोरा, प्रो. इला साह, डॉ. नवीन भट्ट, प्रो. एलएस लोधियाल, प्रो. लता पांडे आदि थे।
कुमाऊं विवि में नए प्रोफेशनल कोर्स खोलने की कवायद शुरू
कृषि से जुड़े विषयों को शुरू करने पर विशेष फोकस, स्थापित होगा नया संकाय
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का पांच वर्षीय कोर्स भी संचालित होगा
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय में नए रोजगारपरक प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों को खोलने की कवायद तेज हो गई है। विवि प्रशासन पहाड़ से बढ़ रहे पलायन को नियंत्रित करने के लिए उद्योगों की मौजूदा मांग को देखते हुए पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने में जुट गया है। वहीं पाठ्यक्रम के तैयार प्रारूप को संबंधित विषय की बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) से पास कराने के बाद पाठ्यक्रम को अकादमिक परिषद की चार जून को प्रस्तावित बैठक में रखा जाएगा।
कुमाऊं विवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. केएस राना कार्यभार ग्रहण करने के प्रथम दिन से ही विवि में नए रोजगारपरक विषयों को शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। प्रो. राना के निर्देशों पर शुक्रवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलसचिव डॉ. महेश कुमार की अध्यक्षता में प्रोफेशनल कोर्सों के समन्वयकों की बैठक हुई। इसमें नए पाठ्यक्रमों को संचालित करने पर मंथन किया गया। कृषि से जुड़े विषयों को संचालित करने पर विवि प्रशासन का विशेष फोकस है। इसके लिए अगल से संकाय स्थापित करने की भी कवायद की जा रही है। कुलसचिव डॉ. महेश कुमार ने बताया कि बीएससी एग्रीकल्चर, एमएससी हॉर्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर, फूड टेक्नोलॉजी को संचालित करना प्राथमिकता है। बताया कि पहाड़ के लिहाज से यह दोनों पाठ्यक्रम काफी लाभकारी सिद्ध होंगे। यहां के युवा इस क्षेत्र में नए शोध कर कृषि आधुनिक तकनीक को स्थापित करा पाएंगे। बताया कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में युवाओं का रुझान काफी अधिक देखा जा रहा है। रोजगार की भी कई संभावनाएं नजर आ रही हैं। इसे देखते हुए पांच वर्षीय पाठ्यक्रम को केरल के प्रतिष्ठित संस्थान के सहयोग से संचालित किया जाना प्रस्तावित है। बताया कि एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम को पुन: संचालित किया जाएगा। वहीं पर्यावरण विज्ञान के लिए अलग विभाग स्थापित होना भी प्रस्तावित है। बताया कि संबंधित विषयों के समन्वयकों को पाठ्यक्रम बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस मौके पर निदेशक शोध प्रो. राजीव उपाध्याय, प्रो. अजय अरोरा, प्रो. इला साह, डॉ. नवीन भट्ट, प्रो. एलएस लोधियाल, प्रो. लता पांडे आदि थे।
कुमाऊं विवि में नए प्रोफेशनल कोर्स खोलने की कवायद शुरू
कृषि से जुड़े विषयों को शुरू करने पर विशेष फोकस, स्थापित होगा नया संकाय
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का पांच वर्षीय कोर्स भी संचालित होगा