नैनीताल। प्रदेश सरकार ने पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों का करीब 2.85 करोड़ रुपये का आवास किराया और अन्य खर्च माफ करने का फैसला किया है। बुधवार को पूरक शपथपत्र दाखिल कर सरकार ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई को जारी रखने का फैसला किया है। बृहस्पतिवार को भी इस मामले की सुनवाई होगी।
रूलक (रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटलमेंट केंद्र) के अध्यक्ष अवधेश कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि कैबिनेट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया देयकों को माफ करने का प्रस्ताव पारित करते हुए इस प्रस्ताव को हाईकोर्ट के समक्ष रखने का फैसला किया है।
पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों पर यह लंबित धनराशि करीब 2.85 करोड़ रुपये है। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.95 लाख, भुवन चंद्र खंडूरी पर 46.59 लाख, विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख, भगत सिंह कोश्यारी पर 47. 57 लाख और स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी पर 1.13 करोड़ का बकाया है।
याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों के ऊपर 30 करोड़ की देनदारी बताई गई है। याची ने कहा कि उत्तराखंड के पास सीमित आर्थिक संसाधन है। इसके बावजूद सुविधाएं देने के नाम पर सरकार धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास खाली कराए जाएं और उनसे बाजार दर पर आवास किराया वसूला जाए। सरकार के इस शपथ पत्र का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से समय देने की मांग को कोर्ट ने स्वीकार किया।
नैनीताल। प्रदेश सरकार ने पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों का करीब 2.85 करोड़ रुपये का आवास किराया और अन्य खर्च माफ करने का फैसला किया है। बुधवार को पूरक शपथपत्र दाखिल कर सरकार ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई को जारी रखने का फैसला किया है। बृहस्पतिवार को भी इस मामले की सुनवाई होगी।
रूलक (रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटलमेंट केंद्र) के अध्यक्ष अवधेश कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि कैबिनेट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया देयकों को माफ करने का प्रस्ताव पारित करते हुए इस प्रस्ताव को हाईकोर्ट के समक्ष रखने का फैसला किया है।
पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों पर यह लंबित धनराशि करीब 2.85 करोड़ रुपये है। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.95 लाख, भुवन चंद्र खंडूरी पर 46.59 लाख, विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख, भगत सिंह कोश्यारी पर 47. 57 लाख और स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी पर 1.13 करोड़ का बकाया है।
याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों के ऊपर 30 करोड़ की देनदारी बताई गई है। याची ने कहा कि उत्तराखंड के पास सीमित आर्थिक संसाधन है। इसके बावजूद सुविधाएं देने के नाम पर सरकार धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास खाली कराए जाएं और उनसे बाजार दर पर आवास किराया वसूला जाए। सरकार के इस शपथ पत्र का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से समय देने की मांग को कोर्ट ने स्वीकार किया।