रुड़की। अभी तक आपने बड़ी-बड़ी इमारतों को जैकों के माध्यम से ऊपर उठाते हुए सुना और देखा होगा, लेकिन अब एक शिव मंदिर को भी इस तकनीक से ऊपर उठाया जा रहा है। मंदिर को ऊपर उठाने के लिए करीब 50 जैकों का प्रयोग किया जा रहा है।
रुड़की तहसील मुख्यालय परिसर में स्थित करीब 60 वर्ष पुराना शिव मंदिर है। यह नगरवासियों के साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान हजारों कांवड़ियों की श्रद्धा का केंद्र भी है। कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में कांवड़िए प्राचीन शिव मंदिर में रुकते हैं, लेकिन सड़क ऊंची हो जाने से मंदिर गहराई में चला गया जिससे जरा सी बारिश में मंदिर में पानी भरने लगा। इससे स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ ही कांवड़ यात्रा में आए शिव भक्तों को पूजा अर्चना करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए समिति के पदाधिकारियों ने मंदिर को गहराई से ऊपर उठाने का निर्णय लिया। अब मंदिर को करीब साढ़े तीन फीट ऊपर उठाया जा रहा है। साढ़े तीन फीट ऊपर मंदिर को उठाने के लिए करीब 50 जैक लगाए गए हैं। इस काम में करीब दस श्रमिक लगे हुए हैं। गहराई से मंदिर को उठाने में करीब एक माह का समय लगेगा।
वैसे तो मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इसमें करीब दो माह का समय लगेगा लेकिन मंदिर को साढ़े तीन फीट ऊपर उठाने के लिए करीब एक माह का समय लग सकता है।
-अनिल कुमार, कोषाध्यक्ष, शिव मंदिर समिति
रुड़की। अभी तक आपने बड़ी-बड़ी इमारतों को जैकों के माध्यम से ऊपर उठाते हुए सुना और देखा होगा, लेकिन अब एक शिव मंदिर को भी इस तकनीक से ऊपर उठाया जा रहा है। मंदिर को ऊपर उठाने के लिए करीब 50 जैकों का प्रयोग किया जा रहा है।
रुड़की तहसील मुख्यालय परिसर में स्थित करीब 60 वर्ष पुराना शिव मंदिर है। यह नगरवासियों के साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान हजारों कांवड़ियों की श्रद्धा का केंद्र भी है। कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में कांवड़िए प्राचीन शिव मंदिर में रुकते हैं, लेकिन सड़क ऊंची हो जाने से मंदिर गहराई में चला गया जिससे जरा सी बारिश में मंदिर में पानी भरने लगा। इससे स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ ही कांवड़ यात्रा में आए शिव भक्तों को पूजा अर्चना करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए समिति के पदाधिकारियों ने मंदिर को गहराई से ऊपर उठाने का निर्णय लिया। अब मंदिर को करीब साढ़े तीन फीट ऊपर उठाया जा रहा है। साढ़े तीन फीट ऊपर मंदिर को उठाने के लिए करीब 50 जैक लगाए गए हैं। इस काम में करीब दस श्रमिक लगे हुए हैं। गहराई से मंदिर को उठाने में करीब एक माह का समय लगेगा।
वैसे तो मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इसमें करीब दो माह का समय लगेगा लेकिन मंदिर को साढ़े तीन फीट ऊपर उठाने के लिए करीब एक माह का समय लग सकता है।
-अनिल कुमार, कोषाध्यक्ष, शिव मंदिर समिति