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रुड़की। सिंचाई विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद गोपाल कौशिक ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। पहले ही दिन कई महिलाएं अनशन स्थल पर पहुंचीं और आंदोलन को समर्थन दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता कौशिक ने सिंचाई विभाग के आवासों पर अवैध कब्जों के खिलाफ आमरण अनशन का ऐलान किया था। मंगलवार सुबह करीब दस बजे कौशिक नगर पालिका के गेट के पास आमरण अनशन पर बैठ गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के आवासों पर पक्ष-विपक्ष और कई बाहरी कर्मचारियों का कब्जा है। सालों से काबिज ये लोग आवास छोड़ने को तैयार नहीं है। जबकि सिंचाई विभाग के कर्मचारी बाहर किराए पर रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर डालचंद कश्यप, परमी, सीता, मांगी, अनीता, नीलम, सुमन, कांतो, गीता, राजेश्वरी, कुसुम, नत्थो, अजय प्रताप, सागर गोयल, सुमित्रा आदि समर्थन में धरने पर बैठे।
पालिका कर्मियों ने की दबाव बनाने की कोशिश
कौशिक आमरण अनशन पर न बैठें इसके लिए कुछ लोगों ने दबाव बनाने की कोशिश भी की, लेकिन मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद इन लोगों को वहां से लौटना पड़ा। कौशिक जैसे ही अनशन करने पहुंचे तो नगर पालिका कर्मचारी उनसे आमरण अनशन की अनुमति मांगने लगे। इन लोगों का तर्क था कि यहां आमरण अनशन पर बैठने से जाम की स्थिति बन सकती है। लेकिन काफी संख्या में मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद इन लोगों को लौटना पड़ा।
देख लेने की धमकी दे रहे
सामाजिक कार्यकर्ता कौशिक ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा है कि कुछ लोग आमरण अनशन करने पर देख लेने की धमकी दे रहे हैं। इसलिए आमरण अनशन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की जाए। कौशिक का कहना है कि सोमवार रात को भी कई लोगों ने उन्हें धमकाने की कोशिश की।
रुड़की। सिंचाई विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद गोपाल कौशिक ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। पहले ही दिन कई महिलाएं अनशन स्थल पर पहुंचीं और आंदोलन को समर्थन दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता कौशिक ने सिंचाई विभाग के आवासों पर अवैध कब्जों के खिलाफ आमरण अनशन का ऐलान किया था। मंगलवार सुबह करीब दस बजे कौशिक नगर पालिका के गेट के पास आमरण अनशन पर बैठ गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के आवासों पर पक्ष-विपक्ष और कई बाहरी कर्मचारियों का कब्जा है। सालों से काबिज ये लोग आवास छोड़ने को तैयार नहीं है। जबकि सिंचाई विभाग के कर्मचारी बाहर किराए पर रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर डालचंद कश्यप, परमी, सीता, मांगी, अनीता, नीलम, सुमन, कांतो, गीता, राजेश्वरी, कुसुम, नत्थो, अजय प्रताप, सागर गोयल, सुमित्रा आदि समर्थन में धरने पर बैठे।
पालिका कर्मियों ने की दबाव बनाने की कोशिश
कौशिक आमरण अनशन पर न बैठें इसके लिए कुछ लोगों ने दबाव बनाने की कोशिश भी की, लेकिन मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद इन लोगों को वहां से लौटना पड़ा। कौशिक जैसे ही अनशन करने पहुंचे तो नगर पालिका कर्मचारी उनसे आमरण अनशन की अनुमति मांगने लगे। इन लोगों का तर्क था कि यहां आमरण अनशन पर बैठने से जाम की स्थिति बन सकती है। लेकिन काफी संख्या में मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद इन लोगों को लौटना पड़ा।
देख लेने की धमकी दे रहे
सामाजिक कार्यकर्ता कौशिक ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा है कि कुछ लोग आमरण अनशन करने पर देख लेने की धमकी दे रहे हैं। इसलिए आमरण अनशन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की जाए। कौशिक का कहना है कि सोमवार रात को भी कई लोगों ने उन्हें धमकाने की कोशिश की।