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लक्सर। कृषि रक्षा केंद्र एवं बीज भंडार के भवन में वर्षों से थाना चल रहा है, जबकि कृषि रक्षा केंद्र किराए की दुकान में चलाया जा रहा है। विभागीय अधिकारी और कर्मचारी छोटी सी दुकान में गुजारा करने को मजबूर हैं। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवासों पर भी पुलिस कर्मी कब्जा जमाए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से उच्चाधिकारियों को पत्र भेजने पर भी कोई नतीजा नहीं निकला। दफ्तर और आवास से पुलिस का कब्जा नहीं हटाया जा सका।
वर्ष 2002 में कृषि विभाग के खानपुर ब्लाक मुख्यालय में कृषि रक्षा केंद्र और बीज भंडार कार्यालय, गोदाम और कर्मचारियों के लिए आवास बनाए गए थे। जब तक कृषि विभाग के कर्मचारी अपने भवन में शिफ्ट होते, इसी बीच वर्ष 2003, 10 मार्च को खानपुर में थाने की स्थापना कर दी गई। थाने को तत्काल संचालित करने के लिए पुलिस विभाग ने कृषि रक्षा केंद्र एवं बीज भंडार के भवन को कुछ समय के लिए यह कहते हुए मांगा था कि शीघ्र ही थाने का नया भवन तैयार हो जाएगा और इसे खाली कर दिया जाएगा। लेकिन तब से लेकर अब तक पुलिस कृषि विभाग के भवन को खाली नहीं कर पाई है। हैरत की बात यह है कि थाने का नया भवन भी ढाई वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो गया है। इसके बावजूद कृषि विभाग के भवन पर पुलिस महकमा कुंडली मारे बैठा है। वहीं, कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी कृषि रक्षा केंद्र और बीज भंडार कार्यालय को खानपुर गांव की एक किराए की दुकान में चला रहे हैं। अपना भवन नहीं मिलने से कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ ही किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस अधिकारी वर्षों से इस मामले में विभाग को टरकाते आ रहे हैं। काफी लंबा समय गुजरने के बावजूद पुलिस विभाग भवन को खाली नहीं कर रहा है। अब कृषि सचिव और कृषि मंत्रालय को पत्र भेजकर इस बाबत अवगत कराया जाएगा।
- जेपी तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी
थाने के नए भवन का कुछ निर्माण कार्य शेष बचा है। निर्माण कार्य पूरा होते ही थाना नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा और कृषि विभाग के कार्यालय को छोड़ दिया जाएगा।
-डा. हरीश वर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी लक्सर
लक्सर। कृषि रक्षा केंद्र एवं बीज भंडार के भवन में वर्षों से थाना चल रहा है, जबकि कृषि रक्षा केंद्र किराए की दुकान में चलाया जा रहा है। विभागीय अधिकारी और कर्मचारी छोटी सी दुकान में गुजारा करने को मजबूर हैं। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवासों पर भी पुलिस कर्मी कब्जा जमाए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से उच्चाधिकारियों को पत्र भेजने पर भी कोई नतीजा नहीं निकला। दफ्तर और आवास से पुलिस का कब्जा नहीं हटाया जा सका।
वर्ष 2002 में कृषि विभाग के खानपुर ब्लाक मुख्यालय में कृषि रक्षा केंद्र और बीज भंडार कार्यालय, गोदाम और कर्मचारियों के लिए आवास बनाए गए थे। जब तक कृषि विभाग के कर्मचारी अपने भवन में शिफ्ट होते, इसी बीच वर्ष 2003, 10 मार्च को खानपुर में थाने की स्थापना कर दी गई। थाने को तत्काल संचालित करने के लिए पुलिस विभाग ने कृषि रक्षा केंद्र एवं बीज भंडार के भवन को कुछ समय के लिए यह कहते हुए मांगा था कि शीघ्र ही थाने का नया भवन तैयार हो जाएगा और इसे खाली कर दिया जाएगा। लेकिन तब से लेकर अब तक पुलिस कृषि विभाग के भवन को खाली नहीं कर पाई है। हैरत की बात यह है कि थाने का नया भवन भी ढाई वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो गया है। इसके बावजूद कृषि विभाग के भवन पर पुलिस महकमा कुंडली मारे बैठा है। वहीं, कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी कृषि रक्षा केंद्र और बीज भंडार कार्यालय को खानपुर गांव की एक किराए की दुकान में चला रहे हैं। अपना भवन नहीं मिलने से कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ ही किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस अधिकारी वर्षों से इस मामले में विभाग को टरकाते आ रहे हैं। काफी लंबा समय गुजरने के बावजूद पुलिस विभाग भवन को खाली नहीं कर रहा है। अब कृषि सचिव और कृषि मंत्रालय को पत्र भेजकर इस बाबत अवगत कराया जाएगा।
- जेपी तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी
थाने के नए भवन का कुछ निर्माण कार्य शेष बचा है। निर्माण कार्य पूरा होते ही थाना नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा और कृषि विभाग के कार्यालय को छोड़ दिया जाएगा।
-डा. हरीश वर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी लक्सर