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हरिद्वार। रोडवेज की व्यवस्थाओं का हाल बुरा है। यात्री बस स्टैंड और चौराहों पर बसों की राह ताकते रहते हैं। उधर उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें परिचालकों की कमी के चलते वर्कशाप में धूल फांक रही हैं। हरिद्वार डिपो में जेएनयूआरएम की डेढ़ दर्जन बसों के पहिये थमे हुए हैं। जिसके कारण नियमित सफर करने वाले यात्री खासे परेशान हैं। लक्सर, भगवानपुर, झबरेड़ा के लोकल रूटों पर बसों का अकाल नजर आ रहा है। हरिद्वार-देहरादून का सफर भी मुश्किल भरा हो गया है।
हरिद्वार डिपो में जेएनयूआरएम की 63 बसों का बेड़ा है। शेड्यूल के अनुरूप 57 बसाें का संचालन आवश्यक है। लेकिन डिपो में बसों की संख्या के हिसाब से परिचालक उपलब्ध नहीं हैं। इस समय जेएनयूआरएम बसों के संचालन के लिए 79 परिचालकों की जरूरत है। लेकिन वर्तमान में एजेंसी के माध्यम से जेएनयूआरएम बसों के लिए 65 परिचालक ही तैनात हैं। इनमें से भी 15 इन दिनों अवकाश पर हैं। जबकि कई बिना सूचना गैरहाजिर हैं। नतीजा जेएनयूआरएम की 18 बसें वर्कशाप में खड़ी हैं। समस्या कई महीने से हैं। लेकिन बीच-बीच में अधिकारी व्यवस्था कर जैसे-तैसे संचालन कर रहे थे। लेकिन, पिछले 15 दिनों से परिचालकों के अभाव में बसों को खड़ा रखने की नौबत आई है।
इनसेट
देहरादून रूट की छह बसें खड़ी
सबसे ज्यादा परेशानी हरिद्वार-देहरादून रूट पर हो रही है। इस रूट की नियमित रुप से संचालित छह जेएनयूआरएम बसें कंडक्टरों की कमी के चलते वर्कशाप में खड़ी हैं। जबकि इस रुट पर संचालित 24 में से 18 बसें ही चल पा रही हैं। लक्सर रूट पर संचालित 10 में से सात बसें चल पा रही हैं। बाकी तीन बसें वर्कशाप में खड़ी हैं। इसके अलावा हरचनपुर भगवानपुर रूट पर संचालित दो में से एक ही बस का संचालन हो रहा है। झबरेड़ा रूट पर भी दो में से एक बस का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा ऋषिकेश रूट की तीन, रुड़की रूट की दो सहित अन्य रूटों पर चलने वाली बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है।
कोट
परिचालकों की कमी के चलते बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है। मुख्यालय को डिमांड भेजी गई है। एजेंसी के माध्यम से दो परिचालक मिल गए हैं। आठ परिचालकों तैनाती जल्द होने की उम्मीद है। दो-तीन दिन के भीतर ज्यादातर बसों का संचालन हो जाएगा।
- आलोक बनवाल, एजीएम (जेएनयूआरएम)
हरिद्वार। रोडवेज की व्यवस्थाओं का हाल बुरा है। यात्री बस स्टैंड और चौराहों पर बसों की राह ताकते रहते हैं। उधर उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें परिचालकों की कमी के चलते वर्कशाप में धूल फांक रही हैं। हरिद्वार डिपो में जेएनयूआरएम की डेढ़ दर्जन बसों के पहिये थमे हुए हैं। जिसके कारण नियमित सफर करने वाले यात्री खासे परेशान हैं। लक्सर, भगवानपुर, झबरेड़ा के लोकल रूटों पर बसों का अकाल नजर आ रहा है। हरिद्वार-देहरादून का सफर भी मुश्किल भरा हो गया है।
हरिद्वार डिपो में जेएनयूआरएम की 63 बसों का बेड़ा है। शेड्यूल के अनुरूप 57 बसाें का संचालन आवश्यक है। लेकिन डिपो में बसों की संख्या के हिसाब से परिचालक उपलब्ध नहीं हैं। इस समय जेएनयूआरएम बसों के संचालन के लिए 79 परिचालकों की जरूरत है। लेकिन वर्तमान में एजेंसी के माध्यम से जेएनयूआरएम बसों के लिए 65 परिचालक ही तैनात हैं। इनमें से भी 15 इन दिनों अवकाश पर हैं। जबकि कई बिना सूचना गैरहाजिर हैं। नतीजा जेएनयूआरएम की 18 बसें वर्कशाप में खड़ी हैं। समस्या कई महीने से हैं। लेकिन बीच-बीच में अधिकारी व्यवस्था कर जैसे-तैसे संचालन कर रहे थे। लेकिन, पिछले 15 दिनों से परिचालकों के अभाव में बसों को खड़ा रखने की नौबत आई है।
इनसेट
देहरादून रूट की छह बसें खड़ी
सबसे ज्यादा परेशानी हरिद्वार-देहरादून रूट पर हो रही है। इस रूट की नियमित रुप से संचालित छह जेएनयूआरएम बसें कंडक्टरों की कमी के चलते वर्कशाप में खड़ी हैं। जबकि इस रुट पर संचालित 24 में से 18 बसें ही चल पा रही हैं। लक्सर रूट पर संचालित 10 में से सात बसें चल पा रही हैं। बाकी तीन बसें वर्कशाप में खड़ी हैं। इसके अलावा हरचनपुर भगवानपुर रूट पर संचालित दो में से एक ही बस का संचालन हो रहा है। झबरेड़ा रूट पर भी दो में से एक बस का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा ऋषिकेश रूट की तीन, रुड़की रूट की दो सहित अन्य रूटों पर चलने वाली बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है।
कोट
परिचालकों की कमी के चलते बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है। मुख्यालय को डिमांड भेजी गई है। एजेंसी के माध्यम से दो परिचालक मिल गए हैं। आठ परिचालकों तैनाती जल्द होने की उम्मीद है। दो-तीन दिन के भीतर ज्यादातर बसों का संचालन हो जाएगा।
- आलोक बनवाल, एजीएम (जेएनयूआरएम)