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हरिद्वार। शिक्षा का अधिकार अधिनियम की पब्लिक स्कूल जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। पात्र बच्चों को प्रवेश के लिए मना किया जा रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी पब्लिक स्कूलों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं। डीएवी पब्लिक स्कूल में एक बच्चे को प्रवेश नहीं देने का ताजा मामला सामने आया है।
जगजीतपुर के महेश ने सर्व शिक्षा अभियान की जिला परियोजना अधिकारी को दर्ज कराई शिकायत में कहा कि वह अपनी बेटी का प्रवेश आरटीई के तहत जगजीतपुर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में दिलाने गए थे। उन्होंने प्रधानाचार्य को अपना और अपनी पत्नी के विकलांग होने प्रमाण पत्र और अपनी सालाना आय के प्रमाण दिखाते हुए बच्ची का आरटीई के तहत प्रवेश का आवेदन किया। लेकिन उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया गया। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनकी मासिक आय 12 हजार रुपये है, जो आरटीई के दायरे में आती है। साथ ही माता पिता के विकलांग वर्ग में होने के चलते भी आरटीई में बच्चे के प्रवेश का हक बनता है। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।
24 मई को सभी स्कूलों को आरटीई की तमाम जानकारियां समझाने के साथ नियमावली पुस्तिका दी गई थी। उसके बाद भी कई तरीकों से प्रचार किया गया, लेकिन कई स्कूल हरकतों से बाज नहीं आ रहे। शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा।
- शैलेंद्र सिंह, जिला समन्वयक आरटीई, सर्व शिक्षा अभियान
बच्चे के माता-पिता को आवेदन फार्म दे दिया गया था। केवल शिक्षा अधिकारी से अग्रसारित करने के लिए कहा गया। उनके हस्ताक्षर होने के बाद प्रवेश दे दिया जाएगा। एडमिशन देने से मना बिल्कुल नहीं किया गया।
- पीसी पुरोहित, प्रधानाचार्य, डीएवी पब्लिक स्कूल
हरिद्वार। शिक्षा का अधिकार अधिनियम की पब्लिक स्कूल जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। पात्र बच्चों को प्रवेश के लिए मना किया जा रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी पब्लिक स्कूलों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं। डीएवी पब्लिक स्कूल में एक बच्चे को प्रवेश नहीं देने का ताजा मामला सामने आया है।
जगजीतपुर के महेश ने सर्व शिक्षा अभियान की जिला परियोजना अधिकारी को दर्ज कराई शिकायत में कहा कि वह अपनी बेटी का प्रवेश आरटीई के तहत जगजीतपुर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में दिलाने गए थे। उन्होंने प्रधानाचार्य को अपना और अपनी पत्नी के विकलांग होने प्रमाण पत्र और अपनी सालाना आय के प्रमाण दिखाते हुए बच्ची का आरटीई के तहत प्रवेश का आवेदन किया। लेकिन उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया गया। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनकी मासिक आय 12 हजार रुपये है, जो आरटीई के दायरे में आती है। साथ ही माता पिता के विकलांग वर्ग में होने के चलते भी आरटीई में बच्चे के प्रवेश का हक बनता है। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।
24 मई को सभी स्कूलों को आरटीई की तमाम जानकारियां समझाने के साथ नियमावली पुस्तिका दी गई थी। उसके बाद भी कई तरीकों से प्रचार किया गया, लेकिन कई स्कूल हरकतों से बाज नहीं आ रहे। शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा।
- शैलेंद्र सिंह, जिला समन्वयक आरटीई, सर्व शिक्षा अभियान
बच्चे के माता-पिता को आवेदन फार्म दे दिया गया था। केवल शिक्षा अधिकारी से अग्रसारित करने के लिए कहा गया। उनके हस्ताक्षर होने के बाद प्रवेश दे दिया जाएगा। एडमिशन देने से मना बिल्कुल नहीं किया गया।
- पीसी पुरोहित, प्रधानाचार्य, डीएवी पब्लिक स्कूल