पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
रुड़की। सिंचाई विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों को बाहर करने के लिए अब विभाग शासकीय अधिवक्ता की सलाह लेने के बाद ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर करेगा। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि मंगलवार तक इस मामले में तस्वीर साफ हो जाएगी।
सिंचाई विभाग के प्रशासन खंड और परिकल्प खंड के 100 से ज्यादा आवासों पर बाहरी लोग काबिज हैं। जहां बाहरी लोग आवास छोड़ नहीं रहे वहीं विभागीय कर्मचारी बाजार में किराए के भवनों पर रहने को मजबूर हैं। इनमें से 13 महिला कर्मचारी भी शामिल हैं। जिनकी नियुक्ति विभाग में पिछले वर्ष अगस्त माह में हुई थी। छह जनवरी को विधायक प्रदीप बत्रा के समर्थकों के विभाग के आवास पर जबरन कब्जा करने के बाद यह मामला पूरी तरह से गरमाया हुआ है।
विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों को हटाने का दबाव अधिकारियों पर है। अवैध रूप से काबिज लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य की ओर से कई माह पहले जारी हो चुके हैं। इसके बाद भी विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब विभागीय अधिकारियों का दावा है कि तहसील प्रशासन की सलाह पर बाहरी लोगों के खिलाफ वाद दायर करने के मामले में शासकीय अधिवक्ता से सलाह ली जाएगी।
तहसील प्रशासन वाद दायर करने के मामले में शासकीय अधिवक्ता से सलाह लेने ली जा रहा है। मंगलवार तक इस मामले में तस्वीर साफ हो जाएगी।
- एलआर आर्य, ईई व सचिव आवास आवंटन समिति सिंचाई विभाग।
पुलिस की भी गोलमोल जांच पर उठ रहे सवाल
रुड़की। मामला रसूखवालों का हो तो खाकी की कड़क और अकड़ दोनों ढीली हो जाती है। यही बात सिंचाई विभाग के आवासों पर अवैध कब्जों के मामले में हो रही है। सिंचाई विभाग में आवास आवंटित करने वाली समिति को विधायक को आवास आवंटित करने के आदेश-निर्देश नहीं मिले परंतु पुलिस ने अपनी जांच में विधायक को सिंचाई मंत्री की ओर से आवास आवंटित होना दर्शा दिया। ऐसे में पुलिस की जांच पर सवाल उठना लाजिमी है।
छह जनवरी को विधायक प्रदीप बत्रा के समर्थकों ने सिंचाई विभाग के आवास पर जबरन कब्जा कर लिया था। इस मामले में विभाग ने विधायक समर्थकों के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने तहरीर मिलने से ही इनकार कर दिया था। इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एलआर आर्य ने पूरी रिपोर्ट विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी। इसी रिपोर्ट की एक-एक प्रति तहसील प्रशासन और एसएसपी कार्यालय हरिद्वार को भेजी थी। तहसील और एसएसपी कार्यालय में सिविल कोतवाली को रिपोर्ट भेजकर आख्या मांगी थी। पुलिस जांच के नाम शुरू से ही दबाव में दिखी। अब पुलिस ने जो जांच आख्या भेजी है वह भी गोलमोल है। सूत्रों के अनुसार आख्या में संबंधित आवास सिंचाई मंत्री की ओर से विधायक को आवंटित करने की बात कही है। जांच आख्या में कहा गया कि आवास पर विधायक प्रदीप बत्रा का बोर्ड है और अंदर ताले लगे हैं।
जिससे यह सिद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है कि जबरन कब्जा जैसा कुछ नहीं है। जबरन कब्जे की बात का जिक्र भी नहीं किया है। अभी भी समिति ने विधायक को आवास आवंटन नहीं किया है। समिति के सचिव एलआर आर्य का कहना है कि सिंचाई मंत्री ने मुख्य अभियंता को आवास आवंटन के निर्देश दिए थे। अभी तक मुख्य अभियंता की ओर से समिति के अध्यक्ष और अध्यक्ष की ओर मुझे कोई निर्देश नहीं मिले हैं। जैसे ही निर्देश आएंगे आवास आवंटित कर दिया जाएगा।
आमरण अनशन आज से
रुड़की। सिंचाई विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद गोपाल कौशिक मंगलवार से आमरण अनशन शुरू करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद गोपाल कौशिक का कहना है कि सिंचाई विभाग के आवासों पर नेताओं के अलावा बाहरी कर्मचारियों ने कब्जा किया हुआ है। जबकि विभाग के कर्मचारी बाहर किराए पर रहने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि बाहरी लोगों को हटाने की मांग को लेकर मंगलवार से नगर पालिका के मुख्य गेट पर आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
रुड़की। सिंचाई विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों को बाहर करने के लिए अब विभाग शासकीय अधिवक्ता की सलाह लेने के बाद ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर करेगा। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि मंगलवार तक इस मामले में तस्वीर साफ हो जाएगी।
सिंचाई विभाग के प्रशासन खंड और परिकल्प खंड के 100 से ज्यादा आवासों पर बाहरी लोग काबिज हैं। जहां बाहरी लोग आवास छोड़ नहीं रहे वहीं विभागीय कर्मचारी बाजार में किराए के भवनों पर रहने को मजबूर हैं। इनमें से 13 महिला कर्मचारी भी शामिल हैं। जिनकी नियुक्ति विभाग में पिछले वर्ष अगस्त माह में हुई थी। छह जनवरी को विधायक प्रदीप बत्रा के समर्थकों के विभाग के आवास पर जबरन कब्जा करने के बाद यह मामला पूरी तरह से गरमाया हुआ है।
विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों को हटाने का दबाव अधिकारियों पर है। अवैध रूप से काबिज लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य की ओर से कई माह पहले जारी हो चुके हैं। इसके बाद भी विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब विभागीय अधिकारियों का दावा है कि तहसील प्रशासन की सलाह पर बाहरी लोगों के खिलाफ वाद दायर करने के मामले में शासकीय अधिवक्ता से सलाह ली जाएगी।
तहसील प्रशासन वाद दायर करने के मामले में शासकीय अधिवक्ता से सलाह लेने ली जा रहा है। मंगलवार तक इस मामले में तस्वीर साफ हो जाएगी।
- एलआर आर्य, ईई व सचिव आवास आवंटन समिति सिंचाई विभाग।
पुलिस की भी गोलमोल जांच पर उठ रहे सवाल
रुड़की। मामला रसूखवालों का हो तो खाकी की कड़क और अकड़ दोनों ढीली हो जाती है। यही बात सिंचाई विभाग के आवासों पर अवैध कब्जों के मामले में हो रही है। सिंचाई विभाग में आवास आवंटित करने वाली समिति को विधायक को आवास आवंटित करने के आदेश-निर्देश नहीं मिले परंतु पुलिस ने अपनी जांच में विधायक को सिंचाई मंत्री की ओर से आवास आवंटित होना दर्शा दिया। ऐसे में पुलिस की जांच पर सवाल उठना लाजिमी है।
छह जनवरी को विधायक प्रदीप बत्रा के समर्थकों ने सिंचाई विभाग के आवास पर जबरन कब्जा कर लिया था। इस मामले में विभाग ने विधायक समर्थकों के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने तहरीर मिलने से ही इनकार कर दिया था। इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एलआर आर्य ने पूरी रिपोर्ट विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी। इसी रिपोर्ट की एक-एक प्रति तहसील प्रशासन और एसएसपी कार्यालय हरिद्वार को भेजी थी। तहसील और एसएसपी कार्यालय में सिविल कोतवाली को रिपोर्ट भेजकर आख्या मांगी थी। पुलिस जांच के नाम शुरू से ही दबाव में दिखी। अब पुलिस ने जो जांच आख्या भेजी है वह भी गोलमोल है। सूत्रों के अनुसार आख्या में संबंधित आवास सिंचाई मंत्री की ओर से विधायक को आवंटित करने की बात कही है। जांच आख्या में कहा गया कि आवास पर विधायक प्रदीप बत्रा का बोर्ड है और अंदर ताले लगे हैं।
जिससे यह सिद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है कि जबरन कब्जा जैसा कुछ नहीं है। जबरन कब्जे की बात का जिक्र भी नहीं किया है। अभी भी समिति ने विधायक को आवास आवंटन नहीं किया है। समिति के सचिव एलआर आर्य का कहना है कि सिंचाई मंत्री ने मुख्य अभियंता को आवास आवंटन के निर्देश दिए थे। अभी तक मुख्य अभियंता की ओर से समिति के अध्यक्ष और अध्यक्ष की ओर मुझे कोई निर्देश नहीं मिले हैं। जैसे ही निर्देश आएंगे आवास आवंटित कर दिया जाएगा।
आमरण अनशन आज से
रुड़की। सिंचाई विभाग के आवासों पर काबिज बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद गोपाल कौशिक मंगलवार से आमरण अनशन शुरू करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद गोपाल कौशिक का कहना है कि सिंचाई विभाग के आवासों पर नेताओं के अलावा बाहरी कर्मचारियों ने कब्जा किया हुआ है। जबकि विभाग के कर्मचारी बाहर किराए पर रहने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि बाहरी लोगों को हटाने की मांग को लेकर मंगलवार से नगर पालिका के मुख्य गेट पर आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।