हरिद्वार। महापुण्य प्रदान करने वाला माघ मास सोमवार से शुरू हो रहा है। इस मास में जहां संगम तट पर श्रद्धालु कल्पवास करते हैं, वहीं इस बार प्रयाग कल्पवास का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है चूंकि 10 फरवरी को मौनी अमावस्या का मुख्य कुंभ स्नान होने जा रहा है। संतान निमित्त रखे जाने वाला संकटा चतुर्थी व्रत 30 जनवरी को पड़ रहा है।
मौनी अमावस्या पर प्रतिवर्ष प्रयाग में लाखों श्रद्धालु एक माह रुक कर कल्पवास करते हैं। कुंभ महापर्व होने के कारण पहले से श्रद्धालुओं का जमावड़ा वहां बना हुआ है। प्रयाग के साथ-साथ हरिद्वार के गंगा तट पर भी कई श्रद्धालु माघ मास का कल्पवास करने के लिए पहुंचते हैं। इन श्रद्धालुओं की संख्या यद्यपि इस बार कम हैं फिर पूर्णिमा स्नान के साथ कई श्रद्धालुओं का माघ वास हरिद्वार में ही शुरू हो गया है। ये श्रद्धालु प्रतिदिन गंगा मैया में स्नान करेंगे और कथा-वार्ताओं का श्रवण करेंगे। संतान के निमित्त संकटा चतुर्थी पर्व प्राचीन काल से मनाया जाता है। माघ कृष्ण चतुर्थी को पड़ने वाला यह पर्व 30 जनवरी को है। इस दिन महिलाएं अपने पुत्र-पुत्रियों के निमित्त व्रत रखती हैं और संकटा माता से प्रार्थना करती हैं कि वे उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनाए रखें। इस दिन तिल से बने पदार्थों का भोग संकटा माता को लगाया जाता है और घर-घर तिलकुट बनता है। संकटा चतुर्थी के बारे में यह भी प्रचलित है कि लोहड़ी और मकर संक्रांति के बाद यह पर्व सूर्यदेव का ताप बढ़ाता है। चूंकि हेमंत ऋतु समाप्त हो चुकी है और शिशिर का आगमन हो गया है। 40 दिनों का चिल्ला अब उतार पर है और आठ फरवरी को यह समाप्त हो जाएगा। वसंत पंचमी का पर्व इसी माघ मास में 14 फरवरी को वेलेंटाइन दिवस के साथ पड़ रहा है। एक अरसे के बाद वसंत के ये दोनों पर्व एक ही दिन पड़ेंगे।