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हरिद्वार। इस दौर में जहां चंद रुपयों के लिए अच्छे-अच्छों का ईमान डोल जाता है। वहीं एक शक्स ने नोटों से भरा पर्स लौटाकर ईमानदारी की अनूठी मिसाल पेश की। मैदान में मिले पर्स को चुपके से जेब में डालने के बजाय उसके मालिक की खोजबीन कर पर्स को सलामत पहुंचाया।
पौड़ी गढ़वाल के ग्राम चौड़ सतपुली निवासी धर्मेंद्र सिंह शहर में किराए के मकान में रहता है। 26 जनवरी को पीएसी कैंप में रिश्तेदार के घर आया था। दोपहर को अपने कमरे पहुंचकर जेब देखी तो उसे पर्स नहीं मिला। 10,300 रुपये, एटीएम, फोटो पहचान पत्र समेत जरूरी कागजात से भरा पर्स खोने पर धर्मेंद्र के होश उड़ गए। दुख इसलिए भी गहरा था क्योंकि बीते दो जनवरी को पिता की मौत के बाद धर्मेंद्र के पास इतने ही पैसे बचे थे। परेशान धर्मेंद्र रास्तेभर पर्स खोजने में लगा रहा। लेकिन, तभी उसे पुलिस के एक जवान का फोन आया और बताया कि पर्स उसके पास है। धर्मेंद्र ने बताया कि उसका पर्स पीएसी परिसर के मैदान में आईआरबी द्वितीय के कांस्टेबल बलवान सिंह को मिला। बलवान सिंह ने पर्स में अधिवक्ता यजुवेंद्र रावत का कार्ड पर लिखे नंबर की मदद से धर्मेंद्र का मोबाइल नंबर पता लगाया। धर्मेेंद्र को फोन कर उसका पर्स लौटाने के लिए बुलाया। बलवान सिंह मूल रूप से जौनसार बावर के क्यारी किनाड़ खील निवासी है। वह आईआरबी द्वितीय/40 बीएन पीएसी में तैनात हैं।
हरिद्वार। इस दौर में जहां चंद रुपयों के लिए अच्छे-अच्छों का ईमान डोल जाता है। वहीं एक शक्स ने नोटों से भरा पर्स लौटाकर ईमानदारी की अनूठी मिसाल पेश की। मैदान में मिले पर्स को चुपके से जेब में डालने के बजाय उसके मालिक की खोजबीन कर पर्स को सलामत पहुंचाया।
पौड़ी गढ़वाल के ग्राम चौड़ सतपुली निवासी धर्मेंद्र सिंह शहर में किराए के मकान में रहता है। 26 जनवरी को पीएसी कैंप में रिश्तेदार के घर आया था। दोपहर को अपने कमरे पहुंचकर जेब देखी तो उसे पर्स नहीं मिला। 10,300 रुपये, एटीएम, फोटो पहचान पत्र समेत जरूरी कागजात से भरा पर्स खोने पर धर्मेंद्र के होश उड़ गए। दुख इसलिए भी गहरा था क्योंकि बीते दो जनवरी को पिता की मौत के बाद धर्मेंद्र के पास इतने ही पैसे बचे थे। परेशान धर्मेंद्र रास्तेभर पर्स खोजने में लगा रहा। लेकिन, तभी उसे पुलिस के एक जवान का फोन आया और बताया कि पर्स उसके पास है। धर्मेंद्र ने बताया कि उसका पर्स पीएसी परिसर के मैदान में आईआरबी द्वितीय के कांस्टेबल बलवान सिंह को मिला। बलवान सिंह ने पर्स में अधिवक्ता यजुवेंद्र रावत का कार्ड पर लिखे नंबर की मदद से धर्मेंद्र का मोबाइल नंबर पता लगाया। धर्मेेंद्र को फोन कर उसका पर्स लौटाने के लिए बुलाया। बलवान सिंह मूल रूप से जौनसार बावर के क्यारी किनाड़ खील निवासी है। वह आईआरबी द्वितीय/40 बीएन पीएसी में तैनात हैं।