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चंपावत। जिले के सीमांत क्षेत्र में जून माह में आई दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त हुई सिंचाई गूलों की अब तक मरम्मत न होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सिंचाई गूलों की मरम्मत के लिए लघु सिंचाई विभाग को बजट नहीं मिलने के कारण सीमांत क्षेत्र में क्षतिग्रस्त आधा दर्जन से अधिक लघु सिंचाई गूलें काश्तकारों का मुंह चिढ़ाती प्रतीत हो रही हैं। इस संबंध में सीमांत क्षेत्र के प्रभावित काश्तकारों ने डीएम से तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। उन्होंने दैवीय आपदा मद से क्षतिग्रस्त गूलों की मरम्मत की मांग उठाई है।
सीमांत क्षेत्र मोस्टा के प्रगतिशील काश्तकार और पूर्व सैनिक पुष्कर सिंह महर का कहना है कि तोक खेतीगाढ़ में करीब 1200 मीटर लंबी सिंचाई गूल के क्षतिग्रस्त होने से तीन सौ नाली से अधिक भूमि की सिंचाई प्रभावित हो गई है। इसी प्रकार सीम, चूका, खेत, मोस्टा, बंडा, बकोड़ा, रियासी बमनगांव आदि में भी सिंचाई गूलों के क्षतिग्रस्त होने से काश्तकारों की खेती किसानी चौपट हो गई है। इस संबंध में लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि विभाग की ओर से क्षतिग्रस्त गूलों के मरम्मत के लिए बजट की मांग की गई है। जो अब तक स्वीकृत नहीं हो सका है।
चंपावत। जिले के सीमांत क्षेत्र में जून माह में आई दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त हुई सिंचाई गूलों की अब तक मरम्मत न होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सिंचाई गूलों की मरम्मत के लिए लघु सिंचाई विभाग को बजट नहीं मिलने के कारण सीमांत क्षेत्र में क्षतिग्रस्त आधा दर्जन से अधिक लघु सिंचाई गूलें काश्तकारों का मुंह चिढ़ाती प्रतीत हो रही हैं। इस संबंध में सीमांत क्षेत्र के प्रभावित काश्तकारों ने डीएम से तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। उन्होंने दैवीय आपदा मद से क्षतिग्रस्त गूलों की मरम्मत की मांग उठाई है।
सीमांत क्षेत्र मोस्टा के प्रगतिशील काश्तकार और पूर्व सैनिक पुष्कर सिंह महर का कहना है कि तोक खेतीगाढ़ में करीब 1200 मीटर लंबी सिंचाई गूल के क्षतिग्रस्त होने से तीन सौ नाली से अधिक भूमि की सिंचाई प्रभावित हो गई है। इसी प्रकार सीम, चूका, खेत, मोस्टा, बंडा, बकोड़ा, रियासी बमनगांव आदि में भी सिंचाई गूलों के क्षतिग्रस्त होने से काश्तकारों की खेती किसानी चौपट हो गई है। इस संबंध में लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि विभाग की ओर से क्षतिग्रस्त गूलों के मरम्मत के लिए बजट की मांग की गई है। जो अब तक स्वीकृत नहीं हो सका है।