चंपावत। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से यहां मांजगांव में तीन दिनी हरिकथा का आयोजन किया गया। जिसमें आशुतोष महाराज की शिष्या महायोगा भारती ने प्रवचन करते हुए कहा कि मानव जीवन का आधार ईश्वर की भक्ति है। जिस प्रकार पेड़ का आधार जड़ हुआ करती है, ठीक उसी प्रकार मनुष्य का आधार ईश्वर है। उन्होंने कहा कि प्रभु को जाने बिना विश्वास नहीं और बिना विश्वास के प्रेम नहीं है तथा प्रेम के बिना तो ईश्वर की भक्ति ही अधूरी है।
बृहस्पतिवार को हरिकथा के अंतिम दिन प्रवचन करते हुए हरअर्चना भारती ने कहा कि ईश्वर के बिना मानव जीवन में शांति नहीं है। आज आवश्यकता ईश्वर से जुड़ जाने की है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी इच्छाएं प्रभु पूरी करता है तो तब तक तो हम भी प्रभु पर आस्था रखते हैं। लेकिन जब इच्छाएं पूरी नहीं होती हैं तो हमारा विश्वास भी टूट जाता है। जबकि ईश्वर को पाने एवं देखने के बाद सभी तरह की इच्छाओं का अंत हो जाता है।