चंपावत। चल्थी से शराब की दुकान हटाने की मांग को लेकर आंदोलित स्थानीय लोगों को समर्थन देने सोमवार को कांग्रेसी सांसद प्रदीप टम्टा और विधायक हेमेश खर्कवाल पहुंच गए। दोनों नेताओं ने कुछ देर तक धरना दिया। दोनों नेताओं ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि चल्थी से शराब की दुकान हरहाल में हटाई जाएगी। उन्होंने लोगों से कहा कि जब तक शराब की दुकान नहीं हट जाती तब तक आंदोलन जारी रखें। चल्थी में शराब विरोधी आंदोलन को आज 52 दिन पूरे हो गए हैं। वहां पर अब तक शराब की दुकान का संचालन नहीं हो पाया है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं के शराब विरोधी आंदोलन में खुलकर सामने आने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं भी हैं।
सांसद और विधायक आज सुबह अचानक चल्थी पहुंच गए। आंदोलनकारियों ने दोनों नेताओं से कहा कि वह रात के समय भी धरना दे रहे हैं। ऐसे में आशंका है कि शराब की दुकान के अनुज्ञापी के लोग उन पर हमला कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनको पूर्ण सुरक्षा दी जाए। सांसद और विधायक ने कहा कि आंदोलनकारियों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से बात की जाएगी। श्री टम्टा और खर्कवाल ने कहा कि चल्थी में खोली गई शराब की दुकान निरस्त करने के लिए शासन स्तर पर तुरंत फैसला लिया जाएगा। तब तक उन्होंने लोगों से हौसला बनाए रखने की अपील की। खुद सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों के शराब विरोधी आंदोलन के समर्थन में आने से तमाम तरह की चर्चाएं हैं। क्योंकि शराब की दुकान की मंजूरी शासन स्तर पर हुई थी। अब सत्तारूढ़ दल के नेता ही आंदोलन के समर्थन में सामने आ गए हैं।
इस बीच चल्थी में शराब की दुकान हटाने तथा ठेका निरस्त करने की मांग को लेकर धरना 52वें दिन भी जारी है। चल्थी में एक बार ठेकेदार ने शराब की दुकान खोलने का प्रयास भी किया था, लेकिन भारी जनविरोध के चलते दुकान का संचालन नहीं हो पाया।
चंपावत। चल्थी से शराब की दुकान हटाने की मांग को लेकर आंदोलित स्थानीय लोगों को समर्थन देने सोमवार को कांग्रेसी सांसद प्रदीप टम्टा और विधायक हेमेश खर्कवाल पहुंच गए। दोनों नेताओं ने कुछ देर तक धरना दिया। दोनों नेताओं ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि चल्थी से शराब की दुकान हरहाल में हटाई जाएगी। उन्होंने लोगों से कहा कि जब तक शराब की दुकान नहीं हट जाती तब तक आंदोलन जारी रखें। चल्थी में शराब विरोधी आंदोलन को आज 52 दिन पूरे हो गए हैं। वहां पर अब तक शराब की दुकान का संचालन नहीं हो पाया है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं के शराब विरोधी आंदोलन में खुलकर सामने आने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं भी हैं।
सांसद और विधायक आज सुबह अचानक चल्थी पहुंच गए। आंदोलनकारियों ने दोनों नेताओं से कहा कि वह रात के समय भी धरना दे रहे हैं। ऐसे में आशंका है कि शराब की दुकान के अनुज्ञापी के लोग उन पर हमला कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनको पूर्ण सुरक्षा दी जाए। सांसद और विधायक ने कहा कि आंदोलनकारियों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से बात की जाएगी। श्री टम्टा और खर्कवाल ने कहा कि चल्थी में खोली गई शराब की दुकान निरस्त करने के लिए शासन स्तर पर तुरंत फैसला लिया जाएगा। तब तक उन्होंने लोगों से हौसला बनाए रखने की अपील की। खुद सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों के शराब विरोधी आंदोलन के समर्थन में आने से तमाम तरह की चर्चाएं हैं। क्योंकि शराब की दुकान की मंजूरी शासन स्तर पर हुई थी। अब सत्तारूढ़ दल के नेता ही आंदोलन के समर्थन में सामने आ गए हैं।
इस बीच चल्थी में शराब की दुकान हटाने तथा ठेका निरस्त करने की मांग को लेकर धरना 52वें दिन भी जारी है। चल्थी में एक बार ठेकेदार ने शराब की दुकान खोलने का प्रयास भी किया था, लेकिन भारी जनविरोध के चलते दुकान का संचालन नहीं हो पाया।