चंपावत। पेट्रोल के दामों में की गई मूल्यवृद्धि के सदमे से लोग अभी उबर भी नहीं सके थे कि एक नए शासनादेश ने गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। नए शासनादेश के मुताबिक अब रसोई गैस कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से मिट्टी का तेल नहीं मिल पाएगा। अब मिट्टी का तेल केवल उन्हीं राशनकार्ड धारकों को मिल सकेगा जिनके पास रसोई गैस का कनेक्शन नहीं होगा। मिट्टी तेल के कोटे में कमी किए जाने के कारण अब राशनकार्ड धारकों को भी बेहद कम मात्रा में मिट्टी का तेल मिल सकेगा। अकेले चंपावत जिले में कटौती के चलते राशनकार्ड धारकों को प्रतिमाह महज ढाई लीटर मिट्टी का तेल ही प्राप्त हो सकेगा।
पेट्रोल की मूल्यवृद्धि के बाद अब राज्य में मिट्टी तेल के कोटे में कटौती किए जाने से उपभोक्ताओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिलापूर्ति अधिकारी विनोद कुमार तिवारी के अनुसार पूर्व में रसोई गैस के एक सिलेंडर धारक को तीन लीटर प्रतिमाह तथा दो सिलेंडर वाले उपभोक्ताओं को उपलब्धता के आधार पर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन अब नया शासनादेश लागू होने के बाद गैस कनेक्शन धारकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मिट्टी तेल की आपूर्ति बंद कर दी गई है। मिट्टी तेल के कोटे में कटौती का सीधा असर गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के अलावा प्रतिदिन मेहनत मजदूरी करने वालों पर पड़ने लगा है। भोजन बनाने के लिए लोग डीजल एवं अन्य महंगे साधनों को अपनाने के लिए विवश होते जा रहे हैं।