बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में एक स्वयंसेवक कर्मी का नियम विरुद्ध वेतन बढ़ाने का आदेश वापस ले लिया गया है। अस्थायी कर्मचारियों के विरोध के बाद समिति की ओर से यह निर्णय लिया गया है।
बीकेटीसी ने 14 मई को जारी आदेश में समिति में कार्यरत स्वयंसेवक अनिल भट्ट का वेतन 14,203 रुपये से बढ़ाकर 22,770 रुपये कर दिया। साथ ही उसे स्वयं सेवक से लिपिक पद पर पदोन्नत कर दिया गया। अनिल भट्ट मंदिर समिति के एक पदाधिकारी का परिजन बताया जा रहा है। समिति में तैनात अस्थायी कर्मचारियों ने इसका विरोध करते हुए मुख्य कार्याधिकारी को ज्ञापन भेजा। कर्मचारियों का कहना है कि अनिल भट्ट की तैनाती 2011 में हुई थी। नियमानुसार 10 साल सेवा करने वाले कर्मचारी का वेतन 18,975 किया जाता है। 15 साल की अवधि में वेतन 22,770 किया जाता है। वहीं इस मामले में बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आने पर आदेश को तुरंत निरस्त कर दिया गया है। उधर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कमल रतूड़ी का कहना है कि बीकेटीसी में अवैध तरीके से वेतन वृद्धि और पदोन्नति दी जा रही है। समिति से जुड़े राजनीतिक लोग अपने चहेतों को सीधे लाभ पहुंचा रहे हैं।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में एक स्वयंसेवक कर्मी का नियम विरुद्ध वेतन बढ़ाने का आदेश वापस ले लिया गया है। अस्थायी कर्मचारियों के विरोध के बाद समिति की ओर से यह निर्णय लिया गया है।
बीकेटीसी ने 14 मई को जारी आदेश में समिति में कार्यरत स्वयंसेवक अनिल भट्ट का वेतन 14,203 रुपये से बढ़ाकर 22,770 रुपये कर दिया। साथ ही उसे स्वयं सेवक से लिपिक पद पर पदोन्नत कर दिया गया। अनिल भट्ट मंदिर समिति के एक पदाधिकारी का परिजन बताया जा रहा है। समिति में तैनात अस्थायी कर्मचारियों ने इसका विरोध करते हुए मुख्य कार्याधिकारी को ज्ञापन भेजा। कर्मचारियों का कहना है कि अनिल भट्ट की तैनाती 2011 में हुई थी। नियमानुसार 10 साल सेवा करने वाले कर्मचारी का वेतन 18,975 किया जाता है। 15 साल की अवधि में वेतन 22,770 किया जाता है। वहीं इस मामले में बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आने पर आदेश को तुरंत निरस्त कर दिया गया है। उधर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कमल रतूड़ी का कहना है कि बीकेटीसी में अवैध तरीके से वेतन वृद्धि और पदोन्नति दी जा रही है। समिति से जुड़े राजनीतिक लोग अपने चहेतों को सीधे लाभ पहुंचा रहे हैं।