नौवीं गढ़वाल के जवान बाघ सिंह का सैन्य सम्मान के साथ कैल व पिंडर संगम पर अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार को श्रीनगर-लेह के बीच डयूटी के दौरान सड़क हादसे में बाघ सिंह की मौत हो गई थी। जोशीमठ के नौवीं ब्रिगेड के कर्नल विक्रम सिंह की मौजूदगी में पहुंचे 25 जवान व अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें सलामी दी।
शनिवार को देवाल ब्लॉक के कांडेई गांव के बाघ सिंह पुत्र सोवन सिंह बंगाल के बीनागुड़ी से छह माह प्रशिक्षण के लिए कुपवाड़ा जा रहे थे। श्रीनगर-लेह मार्ग के बीच सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। उनका पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर दो बजे उनके गांव कांडेई पहुंचा। पार्थिव शरीर गांव में पहुंचने पर मातम छा गया। एक घंटे के बाद पार्थिव शरीर को कैल-पिंडर संगम में लाया गया। जोशीमठ नौवीं ब्रिगेड से आए जवान, सैन्य अधिकारियों व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि देने वालों में एसडीएम रविंद्र कुमार, एसओ बृजमोहन राणा, सीओ अमित कुमार, प्रमुख डॉ. दर्शन दानू, प्रधान राजेंद्र बिष्ट, जिपंस कृष्णा बिष्ट, पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल, महाबीर बिष्ट, हरेेंद्र कोटेड़ी, पुष्कर फर्स्वाण, लखन रावत, सुरेश कुनियाल, हीरा सिंह, गंगा सिंह, जीवन मिश्रा आदि शामिल रहे।
सड़क से गांव तक दो घंटे में पहुंचा पार्थिव शरीर
श्रीनगर- लेह के बीच सड़क हादसे में शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार दो बजे उनके गांव पहुंचा। सड़क से गांव दो किलोमीटर खड़ी चढ़ाई व संकरा पैदल मार्ग होने के कारण पार्थिव शरीर को गांव तक पहुंचने में दो घंटे का समय लगा। कांडेई के बमणबेरा गांव में शहीद का परिवार रहता है। इस गांव के लिए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सड़क की घोषणा की थी, लेकिन चार साल बाद भी गांव में सड़क नहीं पहुुंची। गांव में सड़क नहीं होने के कारण पार्थिव शरीर को गांव तक पहुंचाने व लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। गांव के सुरेश कुनियाल ने बताया कि कई साल से गांव के लोग सड़क की मांग कर रहे हैं। सड़क नहीं होने से यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। संवाद
नौवीं गढ़वाल के जवान बाघ सिंह का सैन्य सम्मान के साथ कैल व पिंडर संगम पर अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार को श्रीनगर-लेह के बीच डयूटी के दौरान सड़क हादसे में बाघ सिंह की मौत हो गई थी। जोशीमठ के नौवीं ब्रिगेड के कर्नल विक्रम सिंह की मौजूदगी में पहुंचे 25 जवान व अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें सलामी दी।
शनिवार को देवाल ब्लॉक के कांडेई गांव के बाघ सिंह पुत्र सोवन सिंह बंगाल के बीनागुड़ी से छह माह प्रशिक्षण के लिए कुपवाड़ा जा रहे थे। श्रीनगर-लेह मार्ग के बीच सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। उनका पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर दो बजे उनके गांव कांडेई पहुंचा। पार्थिव शरीर गांव में पहुंचने पर मातम छा गया। एक घंटे के बाद पार्थिव शरीर को कैल-पिंडर संगम में लाया गया। जोशीमठ नौवीं ब्रिगेड से आए जवान, सैन्य अधिकारियों व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि देने वालों में एसडीएम रविंद्र कुमार, एसओ बृजमोहन राणा, सीओ अमित कुमार, प्रमुख डॉ. दर्शन दानू, प्रधान राजेंद्र बिष्ट, जिपंस कृष्णा बिष्ट, पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल, महाबीर बिष्ट, हरेेंद्र कोटेड़ी, पुष्कर फर्स्वाण, लखन रावत, सुरेश कुनियाल, हीरा सिंह, गंगा सिंह, जीवन मिश्रा आदि शामिल रहे।
सड़क से गांव तक दो घंटे में पहुंचा पार्थिव शरीर
श्रीनगर- लेह के बीच सड़क हादसे में शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार दो बजे उनके गांव पहुंचा। सड़क से गांव दो किलोमीटर खड़ी चढ़ाई व संकरा पैदल मार्ग होने के कारण पार्थिव शरीर को गांव तक पहुंचने में दो घंटे का समय लगा। कांडेई के बमणबेरा गांव में शहीद का परिवार रहता है। इस गांव के लिए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सड़क की घोषणा की थी, लेकिन चार साल बाद भी गांव में सड़क नहीं पहुुंची। गांव में सड़क नहीं होने के कारण पार्थिव शरीर को गांव तक पहुंचाने व लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। गांव के सुरेश कुनियाल ने बताया कि कई साल से गांव के लोग सड़क की मांग कर रहे हैं। सड़क नहीं होने से यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। संवाद